फरवरी माह में मैदानी क्षेत्र में होने वाली फसले गेहूँ फरवरी माह -समय से बोई गई गेहूँ की फसल अब पुष्पावस्था में आ रही है। इस समय चौथी सिंचाई अवश्य करें । दिसम्बर के द्वितीय पखवाड़े में बोई गई फसल में चौैडी़ पत्ती वाले खरपतवारों की रोकथाम के लिए बुवाई के 40-45 दिन बाद 2,4-डी. 80 प्रतिशत शुद्धता वाली दवाई की 625 ग्राम मात्रा प्रति हैक्टर को 800 लीटर पानी में घोलकर छिड़कें आजकल गेहूँ में करनाल बन्ट रोग का प्रकोप बढ़ रहा है। अतः स्वस्थ एवं निरोगी बीज पैदा करने हेतु बाली आते ही 2 किलोग्राम मैकोजेव या 500 मिली. प्रोपीकानाजाल को 800 लीटर पानी में घोलकर प्रति हैक्टर की दर से छिड़काव करें। अल्टरनेरिया, झुलसा एवं गेरूई रोग के लिये भी उपरोक्त दवा का छिड़काव करें। अगर माहू का प्रकोप हो तथा माहू को खाने वाले गिडार की संख्या कम हो तो क्वीनालफास 25 ई.सी. का 1.00 लीटर या मोनोक्रोटोफास 25 ई.सी. का 1.4 लीटर दवा को मिथाइल- ओ-डिमेटान 25 ई.सी. का 1.0 लीटर दवा 800-1000 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें। राई:-राई की फसल में सफेद गेरूई रोग का प्रकोप होने पर मैकोजेव 75 डब्लू.पी. जो कि बाजार में रीडोमिल एम जेड-72...
Read Moreमटर की खेती : मटर रबी की एक प्रमुख दलहनी फसल है, विश्व में इसकी खेती भारत में सर्वाधिक होती है, मुख्य रूप से दाल एवं सब्जी में प्रयोग की जाती है, इसमे प्रोटीन और विटामिन प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। भूसंरक्षण की दृष्टि से भी यह महत्वपूर्ण फसल है। मटर ...
Read Moreमार्च माह में मैदानी क्षेत्र में होने वाली फसले गेहूं:- गेहेूं की फसल में नमी का अभाव न होने दें और स्थिति देखकर सिंचाई करें । इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पानी देते समय तेज हवा न चल रही हो। मण्डुसी व जंगली जई जैसे खरपतवारों को नष्ट कर दें। खुला कन्डुवा से...
Read Moreफरवरी माह में मैदानी क्षेत्र में होने वाली फसले गेहूँ फरवरी माह -समय से बोई गई गेहूँ की फसल अब पुष्पावस्था में आ रही है। इस समय चौथी सिंचाई अवश्य करें । दिसम्बर के द्वितीय पखवाड़े में बोई गई फसल में चौैडी़ पत्ती वाले खरपतवारों की रोकथाम के लिए बुवाई के 40-4...
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