जानिए कैसे होते है लहसनु ( Garlic ) की उन्नत खेती

लहसुन
लहसुन का उपयागे चटनी, अचार, व मसाले के रूप में किया जाता है। इसकी अधिक उपज प्राप्त करने के लिए निम्न उन्नत विधियां अपनाना चाहिएः लहसुन की उन्नतशील जातियां जमुना सफेद (जी-1), जमुना सफेद-3, पंत लोहित, एग्रीफाउन्ड, पार्वती अच्छी किस्में है। उर्वरक लहसुन के लिए उर्वरक की मात्रा प्याज की तरह ही दी जाती है। बीज एवं बुवाई एक है. क्षेत्र में 3.5 से 5.0 कुन्तल गाठों के रूप में बीज की आवश्यकता पड़ती है। 1. मैदानी क्षेत्रों में लहसुन की बुवाई सितम्बर के अन्त से नवम्बर के आरम्भ तक करनी चाहिए। 2. ...
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शिमला मिर्च (Capsicum) की उन्नत खेती

शिमला मिर्च
[ditty_news_ticker id="1023"] शिमला मिर्च का उपयागे सब्जी एवं सलाद के रूप में किया जाता हैं। यह विटामिन तथा खनिज लवणो का अच्छा स्रोत हैं। शिमला मिर्च अधिक उत्पादन प्राप्त करने हेतु निम्न उन्नत विधियों का प्रयागे करे: शिमला मिर्च के प्रकार  सामान्य किस्में : कैलिफोर्निया वन्डर, बुल नोज, येलो वन्डर, सोलनयलो, अर्का मोहिनी, अर्का गौरव, अर्का बसंत संकर किस्में : भारत, पूसा दीप्ती, हीरा, इन्दिरा पौधशाला तथा रोपाई पर्वतीय क्षेत्रों में टमाटर के समान नर्सरी तथा रोपाई करें। बीज की मात्रा...
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जानिए कैसे होती है टमाटर (Tomato) की उन्नत खेती ?

टमाटर
टमाटर ऐसी फसल है जिसे पूरे वर्श उगाया जा सकता है। इसका प्रयोग सूप, सलाद, चटनी व अन्य कई रूपों में किया जाता है। टमाटर की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए निम्न उन्नत विधियां अपनानी चाहिए टमाटर की किस्में/प्रजातियां  सामान्य किस्में : पूसा गौरव, पूसा शीतल, सालेनागोला , साले नबडा़ , वी.एल. टमाटर -1, आजाद टी-2, अर्का विकास, अर्का सौरभ,पंत टी-3 संकर किस्में : रुपाली, नवीन, अविनाश-2, पूसा हाइब्रिड-4, मनीशा , विशाली , पूसा हाइब्रिड-2, रक्षिता, डी.आर.एल-304, एन.एस. 852, अर्कारक्षक, अर्का सम्राट, अर...
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जानिए कैसे होती है प्याज (Onion) की उन्नत खेती

प्याज
प्याज का उपयोग सब्जी, सलाद, चटनी, अचार व मसाले के रूप में किया जाता है। प्याज की अधिक उत्पादकता में वृद्धि के लिए निम्न उन्नत विधियां अपनाना चाहिए : प्याज की किस्में/प्रजातियां रबी के लिए पूसा रेड, पूसा रतनार, अर्कानिकेतन, एग्रीफाउण्ड लाइट रेड, एग्रीफाउण्ड डार्क रेड, पूसा व्हाइट राउण्ड, पूसा व्हाइट फ्लैट, क्रीओल रेड, पूसा माधवी, पंजाब-48 एवं पंजाब सलेस्क्सन एवं खरीफ के लिए अर्कानिकेतन, एग्रीफाउन्ड डार्क रेड, एन-53 प्रजातियां मुख्य हैं। उर्वरक मृदा परीक्षण के आधार पर उर्वरकों का प्रयागे ...
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खीरा (खीरे – Cucumber) की उन्नत खेती

खीरा
खीरा के प्रकार सामान्य : स्वर्ण शीतल, स्वर्ण अगेती, पूसा उदय, स्वर्ण पूर्णा, प्वाइनसेट, जापानी लांग ग्रीन, पंत खीरा-1 संकर : पंत संकर खीरा-1, पूसा संयोग, आलमगीर, टेस्टी, नूरी बुवाई तराई एवं भावर : लौकी के समान पर्वतीय क्षेत्र 2000 मी. : लौकी के समान बीज की मात्रा : 3 कि.ग्रा./हैक्टर रोपाई 100*50 से.मी. कतार से कतार तथा पौधे से पौधे की दूरी रखनी चाहिए। उर्वरक खीरे की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए 80 कि.ग्रा. नाइट्रोजन, 60 कि.ग्रा. फास्फोरस एवं 60 कि.ग्रा. पोटाश का प्रयोग करें...
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तोरई ( Ridge gourd) की उन्नत खेती

तोरई
तोरई के प्रकार पंत तोरई-1, कल्यानपुर हरी चिकनी, पूसा सुप्रिया, पूसा चिकनी, पूसा नसदार, स्वर्ण मनजरी, स्वर्ण उपहार, अर्का सुमित, पंजाब बहार बुवाई पर्वतीय एवं तराई-भावर : लौकी के समान बुवाई करें। बीज की मात्रा : 5 कि.ग्रा/हैरोपाई : 100*50 से.मी. की दूरी पर रोपाई करनी चाहिए तथा वर्षा ऋतु की फसल को लकड़ी अथवा मचान का सहारा देना चाहिए। खाद एवं उर्वरक तोरई की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए 80 कि.ग्रा. नाइट्रोजन, 60 कि.ग्रा. फास्फोरस एवं 60 कि.ग्रा. पोटाश का प्रयोग करें। इसके साथ-साथ 10...
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करेला (करेले- Bitter Gourd) की उन्नत खेती

करेला
करेले के प्रकार  किस्में -कल्यानपुर सोना, कल्यानपुर वारामासी, प्रिया, पूसा विशेष, कोयम्बटूर लांग, पूसा दोमौसमी, अर्काहरित,पंत करेला संकर - पूसा, हाइब्रिड, एन.बी.जी.एच.167, आर. एच.आर.वी. जी.एच-1 करेले की नर्सरी तथा रोपाई तराई एवं भावर : लौकी के समान पर्वतीय क्षेत्र 1500 मी. : लौकी के समान बीज की मात्राः 5 कि.ग्रा./हैक्टर रोपाई : 150 ग् 60 से.मी. दूरी पर रोपाई अथवा बुवाई करना चाहिए। उर्वरक करेला की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए 80 कि.ग्रा. नाइट्रोजन, 60 कि.ग्रा. फास्फोरस एवं 60 क...
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धनिया (coriander)की उन्नत फ़सल कैसे करे ?

धनिया
धनिया एक बहुमूल्य बहुउपयोगी मसाले वाली आर्थिक दृष्टि से भी लाभकारी फसल है। धनिया के बीज एवं पत्तियां भोजन को सुगंधित एवं स्वादिष्ट बनाने के काम आते हैं।  सामान्यतः इसका उपयोग सब्ज़ी की सजावट और ताज़े मसाले के रूप में किया जाता है| मारवाडी भाषा में इसे धोणा कहा जाता है।  इसके बीज को सुखाकर सूखे मसाले की तरह प्रयोग किया जाता है।   जलवायु ऐसे  क्षेत्र इसके सफल उत्पादन के लिए सर्वोत्तम माने गए है धनिये की अधिक उपज एवं गुणवत्ता के लिए शुष्क एवं ठंडी जलवायु उपयुक्त रहती है इसे खुली धुप...
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मिर्च की नर्सरी या पौधशाला लगाने की उन्नत तकनीक तथा ध्यान देन योग्य चीजें

मिर्च की नर्सरी
मिर्च की नर्सरी लगाने की उन्नत तकनीक   पौधशाला (नर्सरी) क्या है? पहले यह समझना  है. पौधशाला या रोपणी अथवा नर्सरी एक ऐसा स्थान हैं जहां पर बीज अथवा पौधे के अन्य भागों से नये पौधों को तैयार करने के लिये उचित प्रबंध किया जाता है. पौधशाला का क्षेत्र सीमित होने के कारण देखभाल करना आसान एवं सस्ता होता है.   1.टमाटर व मिर्च की खेती एक ही खेत मे या नज़दीकी खेत मे न करें क्योंकि इनमे कीड़े व रोग एक जैसी होती हैं। सहफसलों से एंथ्राक्नोज़ और बेक्टीरियल झुलसा रोग फैल सकते हैं। 2. अध...
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10 things you should know about Baby Corn(Maize or Makka)-An Elite Vegetable & its Farming.

baby corn
Baby corn are young, unfertilized and tender cobs of maize at silk emergence stage or with only 2-3 cm long hairs. Pre-maturely harvested these young dehusked finger-shaped cobs in pre-grain formation stage are consumed as a fresh vegetable or in soups, salad, pickles, pakoras and also after canning later on. Baby corn is safe (pesticide-residue free), sweet and nutritious as compared to some popular vegetable crops. Maize is a traditional food crop in our country, which is grown for its ...
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