कोरोना प्रभाव : भारत की कृषि व्यवस्था पर कोरोना नाम के घातक वायरस का प्रभाव

Corona
कोरोना वायरस : एक जानलेवा वायरस  हम सभी जानते हैं कि कृषि और उद्योग भारत की अर्थव्यवस्था के आधार हैं। पर इन दिनों भारत कि अर्थव्यवस्था पर कोरोना नाम का सर्प घात लगाए बैठा है। आइये सबसे पहले जाने कि क्या है कोरोना वायरस? क्या है कोरोना वायरस? कोरोना वायरस एक ऐसा घातक और जानलेवा वायरस है जिसका संक्रमण होने पर जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। डब्लूएचओ के अनुसार, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं। सबसे ज्यादा चिंतनीय बात ये है कि अब तक इस वायरस को फ...
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औषधीय खेती- नींबू घास (लेमन घास-LEMON GRASS) की खेती कैसे करें?

LemonGrass
औषधीय खेती  - नींबू घास  (लेमन घास-LEMON GRASS) की खेती कैसे करें साधारण नाम- नींबू घास, लेमन घास वानस्पतिक नाम- सिम्बोपोगोन फ्लेक्सुओसस, सिम्बोपोगोन पेन्डुलस एवं सिम्बोपोगोन खैसिएनस उन्नत किस्में- सिम- सिखर, कृष्णा, चिरहरित, कावेरी एवं सिम- स्वर्णा। प्रमुख रासायनिक घटक- सिट्राल प्रमुख घटक होता है। नींबू घास पौध परिचय- यह बहुवर्षीय एवं बार- बार काटी जाने वाली घास है। पत्तियों से महत्वपूर्ण तेल प्राप्त होता है। अगर फसल काटने में देरी हो जाय तो फूल भी निकल आते हैं। फूलों में ते...
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मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना २०२०: किसानों की आत्मनिर्भरता और अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने का एक प्रयास

मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना २०२०: किसानों की आत्मनिर्भरता और अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने का एक प्रयास:   अक्षय ऊर्जा : सौर ऊर्जा हम सभी जानते हैं की पढाई लिखाई के अभाव में किसान कई ऐसी चीजों और तकनीकों से अनभिज्ञ रह जाते हैं जो उनके कृषि कार्य को कम समय में ज्यादा कुशलता से संपन्न करा सकें. इन्हीं तकनीकों में से एक तकनीक है सौर ऊर्जा . सौर ऊर्जा का प्रयोग करने से ना केवल किसान बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेंगे बल्कि अक्षय ऊर्जा को भी बढ़ावा मिलेगा. सौर ऊर्जा के लिए सरकार द्व...
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रामनगर में किसानश्री सम्मान: सम्मान, किसानों के उत्साह-वर्धन के लिए

किसानश्री सम्मान: सम्मान, किसानों के उत्साह-वर्धन के लिए:   किन किसानों को मिलेगा ये सम्मान?: रामनगर में ,कृषि कार्य में अच्छा प्रदर्शन करने वाले किसानों को सम्मानित करके उनका उत्साहवर्धन करने के लिए ये पुरस्कार सोचा गया हे. इस पुरस्कार कार्यक्रम २०१९-२० के तहत अच्छा प्रदर्शन करने वाले किसानों से आवेदन लेने का काम किया जा रहा है। क्या करें किसान इस पुरस्कार का लाभ उठाने हेतु : आवेदन प्रक्रिया इस पुरस्कार का लाभ उठाने के लिए किसानों को समय सीमा के अंदर आवेदन करना होगा. अध...
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स्टीविया(Stevia plant) की खेती कैसे करें ?और इसके उपयोग .

स्टीविया(Stevia)
स्टीविया(Stevia) की खेती कैसे करें? साधारण नाम- मधुपत्रक वानस्पतिक नाम- स्टीविया रेबुडियाना स्टीविया(Stevia)-उपयोग सूखी पत्तियों का उपयोग पेय पदार्थो को मीठा करने, मोटापा को घटाने तथा मधुमेह को नियंत्रित करने में लाया जाता है। प्रमुख रासायनिक घटक- इसकी पत्तियों में स्टीवियोसाइड एवं रिबिडियोसाइट तत्व मुख्य रूप से पाये जाते हैं।   पौध परिचय- यह एक शाकीय पौधा है। पत्तियां हल्के से गहरे हरे रंग की होती हैं। पौधों म़े सफेद रंग के छोटे-2 फूल निकलते हैं। स्टीविया(Stevia)-जलवायु समश...
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गेहूं की अधिकतम पैदावार प्राप्त करने के लिए निम्न बिन्दुओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए |

wheat
  गेहूं की अधिकतम पैदावार प्राप्त करने के लिए निम्न बिन्दुओं पर विशेष ध्यान देना चाहिएः   - उन्नतशील प्रजातियों का चयन क्षेत्रानुसार परिस्थिति विशेष हेतु संस्तुत प्रजातियों का चुनाव करे ।  अपने प्रक्षेत्र पर 2-3 प्रजातियों की बुवाई करें ताकि रोग एवं कीटों के प्रकोप होने पर उपज में कमी न्यूनतम हो। भूमि की तैयारीः- बुवाई के समय खेत में खरपतवार एवं ढेले न हो तथा पर्याप्त नमी होनी चाहिए। अतः खेत में नमी की कमी हो तो जुताई से पूर्व पलेवा करे । खेत में ओट 1⁄4जब आसानी से जुताई की जा सके...
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IMPACT OF RICE CULTIVATION ON GLOBAL WARMING

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The atmospheric concentration of CH4 has been increasing rapidly in recent years. Because it is a radiative trace gas and takes part in atmospheric chemistry, the rapid increase could be of significant environmental consequence. The scientific report of the Intergovernmental Panel on Climate Change concluded that a 10 to 15% reduction in the CH4 emission from individual sources would stabilize the concentration in the atmosphere. Of the wide variety of sources, rice paddy fields are considered a...
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पपीते(Papaya) की फसल- किसानों को कम समय में अधिक लाभ कमाने का अवसर |पपीते के पत्ते का जूस डेंगू बुखार को ठीक करने का एक सिद्ध तरीका

पपीते(Papaya)
वानस्पतिक नाम-  केरिका पपाया |  पपीता कैरिकेसी परिवार का एक महत्त्वपूर्ण सदस्य है You can also check out : खरबूजे(Muskmelon) की उन्नत खेती कैसे करें पपीता बहुत ही पौष्टिक एवं गुणकारी फल है। किसान पपीता की खेती अकेले या अमरूद, आम, बेर व नींबू के पेड़ों के बीच खाली जगह पर भी कर सकते हैं। पपीता को घर के आंगन में भी उगाया जा सकता है। पपीता लगाने के डेढ़ वर्ष बाद फल मिलने लगते हैं। कम समय, कम क्षेत्र, कम लागत में अधिक पैदावार व अधिक आय| पपीता स्वास्थ्यवर्द्धक तथा विटामिन ए से भरपूर फल होत...
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औषधीय कृषि- भुई आंवला (हजारदाना)की खेती कैसे करें।

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साधारण नाम- हजारदाना वानस्पतिक नाम- फाइलेंथस एमरस उपयोग- सम्पूर्ण पौधे ( पंचांग ) का उपयोग परम्परागत रूप से पीलिया तथा अन्य बीमारियों में होता है। लोक औषधि में इसका प्रयोग गुर्दा रोग, मूत्ररोग, आंत सम्बन्धी बीमारियां, शर्करा तथा यकृत रोगों में होता है। फाइलेंन्थीन तथा हाइपोफाइलेंथीन इसके जैव सक्रिय यौगिक है। पौध परिचय- यह एक बहुवर्षीय पौधा है इसका तना सीधा तथा 10 से 60 सेमी होती है। इसमें आजीवन पुष्प निकलते हैं। जलवायु- इसके पौधे भारत में 700 मी. की ऊंचाई तक के क्षेत्रों में बहुतायत मे...
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औषधीय कृषि – एकोरस ( वच -sweet flag-Vacha) की खेती कैसे करें।

एकोरस ( वच -sweet flag)
औषधीय कृषि -  एकोरस ( वच ) की खेती कैसे करें। साधारण नाम- वच वानस्पतिक नाम- एकोरस कैलेमस। उपयोग- भूस्त्रीय तने ( राइजोम ) का प्रयोग पारम्परिक रूप से तिक्त पाचक, पेट दर्द निवारक व अन्य बहुत सी बीमारियों में किया जाता हैं। पौध परिचय- सामान्यतया इसकी खेती दलदली, अर्ध जलप्लावित भूमि में बहुवर्षीय फसल के रूप में की जाती है जिसका भूस्त्रीय तना जमीन में फैलता रहता है। हिमालयी क्षेत्रों 2200 मीटर ऊंचाई तक व सम्पूर्ण भारत में इसके पौधे प्राकृतिक अवस्था में पाए जाते है। जलवायु- शीतोष्ण एवं समशीतोष्ण जलवाय...
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