मल्चिंग(Plastic Mulching) क्या है? मल्चिंग विधि |

मल्चिंग
मल्चिंग(Plastic Mulching) -खेत में लगे पोधो की जमीन को चारो तरफ से प्लास्टिक फिल्म के द्वरा सही तरीके से ढकने की प्रणाली को पलास्टिक मल्चिंग कहते है। यह फिल्म कई प्रकार और कई रंग में आती है। इस तकनीक का क्या फ़ायदा होता है। इस तकनीक से खेत में पानी की नमी को बनाये रखने और वाष्पीकरण रोका जाता है। ये तकनीक खेत में मिटटी के कटाव को भी रोकती है। और खेत में खतपतवार को होने से बचाया जाता है। बागवानी में होने वाले खतपतवार नियन्त्रण एवं पोधो को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने में बहुत सहायक होती है।क्यों क...
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आलू(Potato) की खेती की उन्‍नत विधि |

आलू
आलू(Potato) की खेती इसे सब्जियों का राजा कहा जाता है  भारत में शायद ही कोई ऐसा रसोई घर होगा जहाँ पर आलू ना दिखे । इसकी मसालेदार तरकारी, पकौड़ी,  चॉट, पापड चिप्स जैसे स्वादिष्ट पकवानो के अलावा अंकल चिप्स, भुजिया और कुरकुरे भी हर जवां के मन को भा रहे हैं। प्रोटीन, स्टार्च, विटामिन सी और के  अलावा आलू में अमीनो अम्ल जैसे ट्रिप्टोफेन, ल्यूसीन, आइसोल्यूसीन आदि काफी मात्रा में पाये जाते है जो शरीर के विकास के लिए आवश्यक है। आलू भारत की सबसे महत्वफपूर्ण फसल है। तमिलनाडु एवं केरल को छोडकर आलू सारे देश म...
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लौकी(Bottle Gourd) की उन्नत खेती

लौकी-bottle-gourd
लौकी(Bottle Gourd) एक बेल पर लगने वाला फल है, जो सब्जी की तरह खाया जाता है। वैकल्पिक नाम 'लउका' या 'कद्दू' है सब्‍जी के रुप में खाए जाने वाली लौकी हमारे शरीर के कई रोगों को दूर करने में सहायक होती है। यह बेल पर पैदा होती है और कुछ ही समय में काफी बड़ी हो जाती है। लौकी एक स्वास्थ्यप्रद सब्जी है जिसकी खेती इस क्षेत्र में परवल की ही तरह प्रमुखता से की जा रही है। गर्मी में तो इसकी खेती विशेष रूप से फायदेमंद है। यही वजह है कि क्षेत्रीय किसान ग्रीष्मकालीन लौकी की खेती बड़े पैमाने पर किए हैं। भूम...
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राई की खेती (Rye) मे अधिकतम उत्पादन एवं फसल सुरक्षा हेतु ध्यान देने योग्य विशेष बिन्दु।

राई की खेती
तिलहनी फसलों में राई का प्रमुख स्थान है। राई की खेती सीमित सिंचाई की दशा में अधिक लाभदायक हैं। राई की उन्नत किस्में मैदानी, तराई, भावर व घाटी के सिंचित क्षेत्रों के लिये उपयुक्त प्रजातियाँ प्रजाति उत्पादन क्षमता पकने कीअवधि उपयुक्त नरेन्द्र अगेती राई-4 14-16 100-110 अगेती बुआई हेतु पंत राई-19 20-25 115-119 अगेती बुआई हेतु पंत राई-19 20-28 125-130 समय से बुआई, सिंचित कृष्णा 20-28 128-132 समय से बुआई, सिंचित पंत राई-20 25-30 125-127 समय से ब...
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गैंदे के फूलों (Marigold Cultivation) मे अधिकतम उत्पादन एवं सुरक्षा हेतु ध्यान देने योग्य विशेष बिन्दु।

गेंदा के फूल (Marigold)
गत वर्षों में हरियाणा राज्य में भारी मात्रा में गेंदा की व्यवसायिक स्तर पर खेती की ओर किसानों का आकर्षण बढ़ा है । देश की राजधानी दिल्ली के साथ लगने वाले जिलों गुड़गांव, फरीदाबाद, सोनीपत व रोहतक में मुख्य तौर पर अति लोकप्रिय और साधारण किन्तु महत्वपूर्ण फूल गेंदा की व्यवसायिक खेती अति लाभदायक सिद्ध हुई है । गेंदा के फूल सभी अवसरों पर काम आते हैं । इसके फूलों से सजावट की जाती है व इनसे बनी माला व गुलदस्ते बड़े ही मनमोहक व सुन्दर होते हैं । सजावट के अतिरिक्त इन फूलों का अन्य महत्व भी है । जैसे गे...
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गुलाब के फूलों (Rose Cultivation) मे अधिकतम उत्पादन एवं सुरक्षा हेतु ध्यान देने योग्य विशेष बिन्दु।

Rose (गुलाब) Cultivation
गुलाब को इसकी सुन्दरता, रूप आकार एवं सुगन्ध के कराण ही फूलों का राजा माना गया है । अब गुलाब केवल मात्र शौक एवं सुन्दरता की दृष्टि से नहीं अपितु आर्थिक एवं पर्यावरण सुधार की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है । गुलाब के पौधे उगाना यदि एक प्रचलित पुराना शौक है तो गुलाब की खेती करना भी व्यापारिक दृष्टि से उतना ही लाभकारी व्यवसाय है । गुलाब का प्रयोग न केवल सजावट के लिए, गुलदस्ते व हार आदि बनाने के लिए होता है बल्कि इससे गुलाबा जल, गुलकन्द आदि औषधियां भी बनाई जाती हैं। भारत की राजधानी दिल्ली की मं...
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दालचीनी की खेती (Cinnamon) मे अधिकतम उत्पादन एवं फसल सुरक्षा हेतु ध्यान देने योग्य विशेष बिन्दु।

दालचीनी की खेती
दालचीनी की खेती : दालचीनी (सिन्नामोमम वेरम; परिवार-लोरेसी) प्राचीन काल से ही प्रयोग किए जाने वाले मसालों में से एक ही और मुख्यतः तने की आंतरिक छाल के लिए इसकी खेती की जाती है । दालीचीनी का मूल- स्थान श्रीलंका है और इसकी खेती केरल और तमिलनाडु के पश्चिम घाट के निचले क्षेत्रों में की जाती है । दालचीनी की खेती के लिए मृदा और जलवायु दालचीनी एक सशक्त पौधा है और विभिन्न प्रकार की मिट्टी एवं जलवायु में पैदा होता है । भारत के पश्चिमी तट में कम पोषक तत्ववाली लैटेराइट एवं रेतीली मिट्टी में यह पैदा हो...
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अदरक की खेती (Ginger) मे अधिकतम उत्पादन एवं फसल सुरक्षा हेतु ध्यान देने योग्य विशेष बिन्दु।

अदरक की खेती
अदरक की खेती : अदरक (ज़िन्जिबर ओफिसिनल) (समूह-जिन्जिबेरेसी) एक झाड़ीनुमा बहुवर्षीय पौधा है, जिसक प्रकन्द मसाले के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं । अदरक उत्पादन में भारत विश्व में सबसे आगे है । भारत के कई राज्यों में अदरक की खेती की जाती है । देश के प्रमुख अदरक उत्पादक राज्य केरल और मेघालय हैं । भारत में 8 लाख हेक्टर टन से इसका उत्पादन 13 लाख टन है । अदरक की खेती के लिए भूमि और जलवायु गर्म एवं आर्द्र में अदरक की पैदावार अच्छी होती है और समुद्र तट से 1500 मी. की ऊँचाई तक इसकी खेती की जाती है ...
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काली मिर्च की खेती (Black Pepper) मे अधिकतम उत्पादन एवं फसल सुरक्षा हेतु ध्यान देने योग्य विशेष बिन्दु।

काली मिर्च की खेती Black Pepper
काली मिर्च (पाइपर नाइग्रम) एक बहुवर्षीय वेल है, जो पाईपरेसी परिवार से सम्बन्धित है । इसके छोटे गोल फल, मसाले और औषधी दोनों रूपों में इस्तेमाल किए जाते हैं । वाणिज्यिक रूप से काली मिर्च और सफेद मिर्च बाजार में मिलती है । पके फलों को वैसे ही सूखाकर काली मिर्च तैयार की जाती है और सफेद मिर्च अच्छी तरह पके हुए फलों की बाहरी त्वचा हटाने के बाद उसे सूखाकर तैयार की जाती है । काली मिर्च का प्रयोग मसाले के रूप में विभिन्न खाद्य पदार्थों को तैयार करने में तथा औषधी के रूप में होता है । पूरे विश्व में ...
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हल्दी (Turmeric ) के अधिकतम उत्पादन हेतु ध्यान देने हेतु विशेष बिन्दु।

हल्दी की खेती
हल्दी (कुरक्युमा लोंगा) समूह-ज़िन्जिबेरेसी का पौधा है, जिसका प्रयोग मसाले, औषधि, रंग सामग्री और सौंदर्य प्रसाधन के रूप में तथा धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है । हल्दी की खेती एवं निर्यात में भारत विश्व में पहले स्थान पर है । भारत के मुख्य हल्दी उत्पादक राज्यों में  आन्द्र प्रदेश, तमिलनाडु और उड़ीसा आदि शामिल हैं । भारत में 2.00 लाख हेक्टर आकलित क्षेत्रफल से इसका उत्पादन करीब 10.00 लाख टन है । हल्दी की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी हल्दी की खेती विभिन्न उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के समुद्र त...
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