गैंदे के फूलों (Marigold Cultivation) मे अधिकतम उत्पादन एवं सुरक्षा हेतु ध्यान देने योग्य विशेष बिन्दु।

गत वर्षों में हरियाणा राज्य में भारी मात्रा में गेंदा की व्यवसायिक स्तर पर खेती की ओर किसानों का आकर्षण बढ़ा है । देश की राजधानी दिल्ली के साथ लगने वाले जिलों गुड़गांव, फरीदाबाद, सोनीपत व रोहतक में मुख्य तौर पर अति लोकप्रिय और साधारण किन्तु महत्वपूर्ण फूल गेंदा की व्यवसायिक खेती अति लाभदायक सिद्ध हुई है ।

गेंदा के फूल सभी अवसरों पर काम आते हैं । इसके फूलों से सजावट की जाती है व इनसे बनी माला व गुलदस्ते बड़े ही मनमोहक व सुन्दर होते हैं । सजावट के अतिरिक्त इन फूलों का अन्य महत्व भी है । जैसे गेंदा की पंखुड़ियां रंगाई के काम आती हैं । इनका आर्युवेदिक व होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति में भी भारी महत्व है ।

गेंदा के फूल (Marigold)

हमारे देश में गेंदा का ताजे फूलों की भारी मांग है । गेंदा के फूल तोड़ने के बाद काफी समय तक खराब नहीं होते । हर प्रकार के उत्सव पूजा आदि में गेंदे के फूलों से बनी मालाएं लगभग सारा साल बिकती रहती हैं । खेती के रूप में इसका पूरा खेत अथवा अन्तरवर्ती फसल के रूप में रिक्त स्थानों में डोलों पर, नालियों या सड़कों के किनारों पर भी लगाकर इससे आय प्राप्त की जा सकती है । वैज्ञानिक आधार पर यह सिद्ध हुआ है कि आलू या अन्य सब्जियों के खेत में बीच-बीच में गेंदा के पौधे लगाने से हानिकारक सूत्र कश्मि प्रभावी नहीं होती । गैंदे के फूलों की सफलतापूर्वक काश्त करके भारी आर्थिक लाभ कमाया जा सकता है ।

गैंदे के फूलों की किस्मे

मुख्य तौर पर दो प्रकार के गैंदे की काश्त की जाती है । 1 अफ्रीकन 2. फ्रैंच । इनकी किस्में निम्न प्रकार हैं ।

1. अफ्रीकनः– जैट डबल, अफ्रीकन, जायंड औरंज, जायन्ड पैलो, अफ्रीकन जायण्ड लेमन पैलो, क्लामैक्स, गोल्डस्मिथ ।

2. फ्रैंचः– रस्टि रैड, बटर स्काच, रैड ब्रेक्डिड एवं लोकल ।

उत्पादनः– गैंदे के फूल का उत्पादन बीज से किया जाता है ।

You can also check out : गुलाब के फूलों  मे अधिकतम उत्पादन

बीज की मात्राः– प्रति हेक्टेयर 2500 से 400 ग्राम बीज पर्याप्त है ।

पनीरी तैयार करनाः– धूप वाले स्थान पर उठी हुई क्यारी तैयार करनी चाहिए । अच्छी प्रकार की गली सड़ी गोबर की खाद मिलाकर दीमक के प्रकोप से बचाव हेतु क्लोरपाईरिफास से उपचारित करके बिजाई के बाद मिट्टी की पतली तह से ढक कर हल्की सिंचाई करनी चाहिए ।

बिजाई का समयः– अप्रैल से सितम्बर का समय सर्वोत्तम माना जाता है ।

रोपाईः– पनीरी 3-4 पत्ती के होने पर 30 से 40 से.मी. की दूरी पर रोपाई की जाती है । रोपाई के तुरन्त बाद सिंचाई कर दें ।

खाद की मात्राः– शुद्ध तत्व नत्रजन 300 कि.ग्रा. फास्फोरस 200 कि.ग्रा. पोटाश 100 कि.ग्रा. प्रति हैक्टेयर की दर से डालें ।

सिंचाईः– गर्मियों में 4 से 5 दिन के बाद व सर्दियों में 8 से 10 दिन के अन्तर पर सिंचाई की आवश्यकता है ।

You can also check out : अदरक की खेती

गैंदे के फूलों की देखभाल

1. दूसरी सिंचाई के बाद बत्तर आने पर पौधों की जड़ों में मिट्टी चढ़ा दें ।

2. खरपतवार निकालते रहें ।

3. अफ्रीकन किस्मों के पौधों की चोटी नोच दें तो द्वितीय शाखाओं के अधिक फूटने से अधिक फूल प्राप्त होते हैं ।

4. खाली रहे स्थानों पर दोबारा पौधे की रोपाई कर देनी चाहिए ।

5. खेतों में फालतू पानी न खड़ा होने दें ।

पैदावार :- प्रति हैक्टेयर 8-20 टन उपज हो सकती है । 70 दिन के बाद फूल आने आरम्भ हो जाते हैं जो कि 45 स 60 दिन तक चलते रहते हैं।

पैकिंग :- फूल तोड़कर पोलीथीन की थैलियों या बांस की टोकरियों में पैक करके मण्डी में भेज दिया जाता है ।

शुद्ध आय :- एक एकड़ गैंदे की फसल से लगभग 20,000 रुपये तक की शुद्ध आय हो सकती है ।

You can also check out : काली मिर्च की खेती

गैंदे के फूलों में होने वाले रोग व कीट

1. डैम्पींग आफः– यह बीमारी नर्सरी में आती है और बीज के जमाव को प्रभावित करती है ।

उपचारः- ब्रासीकोल 0.1 प्रतिशत या कैप्टान 0.2 प्रतिशत से ड्रेचिंग कर दें ।

2. लीफ स्पाट व ब्लाईटः– छोटे भूरे, गोलाकार धब्बे जो बाद में बड़े आकार के हो जाते हैं ।

उपचारः- डायथीन एम-45 के 0.2 प्रतिशत घोल का छिड़काव करें ।

3. हेयरी कैटर पीलरः– यह कीट पत्ते खाता है ।

उपचारः- मैलाथियान 0.1 प्रतिशत का छिड़काव करें ।

बीज उत्पादन :- अच्छी किस्म का बीच प्राप्त करने के लिए किस्म अनुसार व रंग अनुसार स्वस्थ पौधों का चुनाव कर लें । चुने हुए पौधों से अच्छे व स्वस्थ फूलों को चुन कर टैग कर लें । सूखने पर इन चुने हुए फूलों के बाहर वाले हिस्से का 3-4 चक्रों का बीज प्राप्त कर लें व बीच वाला बीज छोड़ दें ।

5 thoughts on “गैंदे के फूलों (Marigold Cultivation) मे अधिकतम उत्पादन एवं सुरक्षा हेतु ध्यान देने योग्य विशेष बिन्दु।

  1. ashwani marwah says:

    Knowledge

  2. Om mali says:

    गेंदे के पत्ते सिकुड़ रहे हैं हिंदी शाखाएं नई नहीं आ रही है पौधा विकसित कम हो रहा है उपाय बताएं

    1. agriavenue says:

      खेत मे पौधों को हिला कर देखे कि कीट उड रहे है यदि ऐसा है तो कोई कीटनाशक का छिडकाव करे पौधे स्वस्थ हो जाएंगे|

  3. Shivam dubey says:

    फूल खिल नही रहे है किल्ली आती है पर फूल सही से खिलता नही है किल्ली फट सी जाती है कुछ दिन पहले फूल सही से आरहे थे पर अब नही खिल रहे है
    उपाय बताए

    1. agriavenue says:

      खेत मे नमी बनाऐ रखे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *