पहाड़ी गाय: बद्री गाय
पहाड़ों में पायी जाने वाली इस गाय का नाम बद्री गाय है।
"पहाड़ी गाय” के नाम से भी जाने जानी वाली यह गाय उत्तराखंड की कामधेनु है। छोटे कद की यह गाय पहाड़ो में आसानी से विचरण कर सकती है।
क्यों है यह उत्तराखंड की कामधेनु गाय
ये गायें जंगलों में होने वाली घास के साथ वहां उत्पन्न जड़ी-बूटी आदि भी चरती हैं, इसलिए इनका दूध शुद्ध और पौष्टिक होता है। इनके दूध और मूत्र में औषधीय गुण होते हैं। इनका दूध,दही,घी विटामिन से भरपूर होता है।
बद्री गायों का औसत दुग्ध उत्पादन 1.2से 1....
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Author: agriavenue
मशरूम की खेती करें और लाभ कमाएं
मशरूम की खेती करें और लाभ कमाएं
मशरूम की खेती एक हजार रुपए से शुरू की जा सकती है और इसके लिए सिर्फ एक कमरे की जरूरत पड़ती है. भारत में इसका उत्पादन सत्तर के दशक में शुरू हुआ था. भारत के पंजाब राज्य में सबसे अधिक मशरूम की खेती होती है. यहां कुल उत्पादन का 51 फ ीसदी मशरूम अकेले ही उगाया जाता है. वहीं, अन्तरराष्ट्रीय मशरूम उत्पादन में चीन पहले नंबर पर है.
मशरूम एक तरह की फफूंद होती है, जो खाने में काफी स्वादिस्ट होता है. इसकी चार प्रजातियां होती हैं, जिन्हें खाने में इस्तेमाल किया जाता है. जैसे...
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अब किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। अच्छी कृषि हिंदी पुस्तकों के लिए आपकी खोज अब समाप्त हो गई है|
अच्छी कृषि हिंदी पुस्तकों के लिए आपकी खोज अब समाप्त हो गई है |
किसान भाइयों, अब आप इस कृषि विश्वविद्यालय ( गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय ) से अच्छी पुस्तकें खरीद सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए फेसबुक पेज पर जाएं
https://www.facebook.com/pantnagarpublication/
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केंद्र सरकार का बड़ा फैसला : चावल से बनेगा सैनिटाइजर
कोरोना संक्रमण : सफाई ही बचाव
आज कोरोना नाम का सर्प बुरी तरह से घात लगाए बैठा है जिससे पूरा विश्व जंग कर रहा है। हर देश की सरकार अपने अपने स्तर पर इससे उबरने हेतु प्रयास कर रही है। इस जंग में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है बचाव और इसके लिए हाईजेनिक सफाई होना बड़ी जरूरत है.
हाईजेनिक सफाई के लिए सैनिटाइजर का प्रयोग : चावल से बनेगा सैनिटाइजर
सफाई के लिए हम आजकल सैनिटाइजर का प्रयोग कर रहे है। समय की मांग को देखते हुए देश में अब सैनिटाइजर बनाने के लिए अतिरिक्त चावल का प्रयोग होगा।
केंद्र सरकार ने...
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स्प्रिलुना-(सुपर फ़ूड): एक रामबाण औषधि सभी बीमारियों के लिए
स्प्रिलुना: सुपर फ़ूड
स्प्रिलुना यानि कि Arthro spira platensis , एक नील हरित शैवाल है जो पानी के अंदर गहरा हरा नीला देखा जा सकता है. इसकी उत्पत्ति झीलों, झरनों और खारे पानी में होती है.ये एक ऐसी वनस्पति है जिसमे खाद्य पदार्थो से भी ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसके अलावा इस शैवाल में कई प्रकार के विटामिन्स, खनिज, प्रोटीन, मैग्नीशियम,कैल्शियम, सेलेनियम और जिंक भी भरपूर होता है. हम मनुष्यों की जीवन शैली में इससे एक सुपर फ़ूड क रूप में भी जाना सकता है. मेडिकल साइंस में दवाओं में इसका प्रयोग हो...
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कोरोना संक्रमण :गिलोय एक अमृत: गिलोय की खेती
कोरोना संक्रमण : हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता :
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से दुनिया का कोई भी देश नहीं बचा है. लाखों लोग संक्रमित होके अस्पतालों में परिवार से दूर जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं. कई को यह वायरस अपना निवाला बना चुका है. जो लोग अभी तक संक्रमित नहीं हुए हैं वो भी डर डर से जी रहे हैं ये सोच के जाने कब अगला नंबर उनका हो. कोरोना की वैक्सीन तो अभी तक नहीं आयी है लेकिन हम इस वायरस से बचने के लिए अपने अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता को अच्छा कर सकते हैं. चिकित्सक भी इस बात को मानते है...
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आ गया ऐतिहासिक कानून :वन नेशन, वन एग्री मार्केट’ :जिसका था हर किसान को इंतज़ार
आ गया ऐतिहासिक कानून :जिसका था हर किसान को इंतज़ार
जहाँ एक और दुनिया कोरोना जैसी महामारी से जूझ रही है इसी के बीच किसानों के हक़ में एक अच्छा फैसला आया है.
आखिरकार किसानों के लिए वो ऐतिहासिक कानून आ ही गया है ,जिसका वे बरसों से इंतजार कर रहे थे. केंद्र सरकार ने किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें मजबूती प्रदान देने हेतु बहुत अच्छा निर्णय लिया है. अब देश के हर इंसान का पेट भरने वाले हमारे अन्नदाता किसान भी भूखे पेट नहीं सोयेंगे.
फलों की खेती के लिए यहां पढ़ें - यहाँ क्लिक करें
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कोरोना संकट: एक बार फिर से पलायन: लेकिन इस बार शहरों से अपने गांव की ओर: कुछ खोया या मिला है एक मौका आत्मनिर्भर बनने का:
कोरोना संकट: एक बार फिर से पलायन: शहरों से अपने गांव की ओर:
कोरोना की इस महामारी के समय आज हमारे देश की आर्थिक स्थिति डगमगा रही है। अपने गांव, अपनी जन्मभूमि से पलायन करके शहर में रोजगार करने आये युवा आज या तो नौकरी से निकाले जा रहे हैं या महामारी से अपने और अपने परिवार को बचाने के लिए एक बार फिर पलायन कर रहे है। लेकिन इस बार पलायन वापस अपने उसी गांव अपनी जन्मभूमि की तरफ हो रहा है।
पलायन : कुछ खोया या मिला है एक मौका आत्मनिर्भर बनने का:
कोरोना संकट से उपजी महामारी के चलते युवाओं का शहर...
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किसान भाई चिंतित न हों, बुरे समय के बाद हमेशा अच्छा समय आता है, जब तक हम अपने घरों में बंद रहेंगे, तब तक हम पढ़ सकते हैं कि कैसे सफल खेती की जाए
किसान भाई चिंतित न हों, बुरे समय के बाद हमेशा अच्छा समय आता है, जब तक हम अपने घरों में बंद रहेंगे, तब तक हम पढ़ सकते हैं कि कैसे सफल खेती की जाए
लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत मोदी सरकार ने पिछले 11 दिन में अन्नदाताओं को 17,400 करोड़ रुपये की मदद दी है. डायरेक्ट बेनिफट ट्रांसफर के जरिए 8.7 करोड़ लोगों को 2-2 हजार रुपये मिले
पैसा न मिले तो क्या करें
अगर आपको पहले सप्ताह में पैसा न मिले तो अपने लेखपाल, कानूनगो और जिला कृषि अधिकारी से संपर्क करें. वहां से बात न बन...
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कोरोना वायरस का संकट : गरीब वर्ग पर प्रभाव: सरकार की ओर से आर्थिक सहायता :
कोरोना लॉकडाउन के चलते प्रधानमंत्री योजना के तहत किसानों को आर्थिक राहत :
कोरोना वायरस का संकट : गरीब वर्ग पर प्रभाव
आज कोरोना वायरस के संक्रमण के संकट से पूरा विश्व जूझ रहा है. ऐसी परिस्थिति में सबसे ज्यादा असर गरीब वर्ग पर पड़ रहा है. इस संकट का गरीबों और किसानों पर ज्यादा असर न पड़े इसके लिए सरकार ने बहुत बड़ा कदम उठाया है.
सरकार की ओर से आर्थिक सहायता :
कोरोना वायरस के चलते किसानों को आर्थिक मदद मुहैया करा के उनकी समस्या कम करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है. हमारे ४.५ करोड़...
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