मई माह में मैदानी क्षेत्र एवं पर्वतीय क्षेत्र में होने वाली फसले, फल, पुष्प, पशुपालन।

मई माह
मई माह में  मैदानी क्षेत्र में होने वाली फसले गेहूॅं पूर्ण पकी फसल की अविलम्ब कटाई कर लेनी चाहिये। गहाई करके भण्डारण करे। आगामी वर्श में बीज के लिये प्रयोग किये जाने वाले गेहूँ को सौर ताप विधि से उपचारित करके रखें, ताकि फसल में खुला कण्डुआ रोग से बचाव हो सके। जौ, चना व मसूर जिन फसलों की गहाई न की गई हो तो जल्द कर लें । भण्डारित कर लें ताकि वर्षा आदि से नुकसान न हो। उर्द व मूंग फसलों की आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। फलियों की तुड़ाई के बाद फसल को खेत में पलट देने से वह हरी खाद ...
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जनवरी माह मे होने वाली फसलें, सब्जिया अवं फल।

January
जनवरी माह में मैदानी क्षेत्र होने वाली फसलें तोरिया, राई/ सरसों देर से बोई गई तोरिया की फसल की जब 75 प्रतिशत फलियां सुनहरे रंग की हो जाये तो काटकर उसे अच्छी प्रकार सुखाकर मड़ाई कर लें। राई-सरसों में फूल एवं फलियां लगते समय सिंचाई करें। राई-सरसों में बालदार सूड़ी का प्रकोप दिखाई दे तो इसकी रोकथाम के लिये क्लोरपायरी फास 20 ई.सी. की 1.25 लीटर दवा को आवश्यक पानी में मिलाकर प्रति हैक्टर की दर से छिड़काव करें। यदि झुलसा, सफेद गेरूई या तुलसिता रोगों में से किसी रोग का प्रकोप हो तो जिंक मैंगनीज कार्बामेट ...
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