अखरोट (Walnut) के अधिकतम उत्पादन एवं फसल सुरक्षा हेतु ध्यान देने योग्य विशेष बिन्दु।

अखरोट की बागवानी पर्वतीय क्षेत्र में 1600 मीटर से लेकर 2400 मीटर तक की जाती है।

अखरोट

अखरोट की मुख्य किस्में

फ्रेंक्वेटे, हार्टले, ब्लैकमोर, ट्यूटले, गोविन्द, रूपा, रत्ना

रोपण की दूरी एवं विधि

इसके वृक्ष 10 मी. कतार से कतार तथा 10 मी. पौधे से पौधे की दूरी पर सेब में दी गई विधि से लगाना चाहिए। अखरोट की कलमी कागजी किस्मों को ही लगाना चाहिए।

उर्वरक एवं खाद

50 ग्रा. नाइट्रोजन, 50 ग्रा. फास्फोरस तथा 25 ग्रा. पोटाश प्रति वृक्ष प्रति वर्ष आयु के अनुसार देना चाहिए। यह मात्रा 20 वर्ष के पश्चात् स्थिर कर देनी चाहिए। 50 कि.ग्रा. गोबर की खाद का प्रति वयस्क वृक्ष प्रयोग करना चाहिए। गोबर की खाद का प्रयोग दिसम्बर माह में तथा उर्वरक का प्रयोग कली फूटने से 15 दिन पहले फरवरी माह में करना चाहिए। उर्वरक एवं गोबर की खाद को देने की विधि सेब के समान करें।

काट-छांट

अखरोट में काट-छांट कम की जाती है। रोग ग्रसित, सूखी, एक दूसरे से टकराती अथवा अन्दर की ओर वृद्धि करने वाली तथा मुख्य तने से निकलने वाली शाखाओं को काटकर अलग करते रहना चाहिए। कटान साफ एवं सीधा हो जिससे कि कटे हुए भाग पर ठूँठ न रहने पाये।
कटे हुए भाग पर चौबटिया पेस्ट लगानी चाहिए।

अखरोट की फसल सुरक्षा

कीट नियंत्रण

पत्ती खाने वाले कीट – इसके नियंत्रण हेतु मेलाथियान 2 मिली/1 ली पानी का छिड़काव करें।

तना बेधक कीट – इसका नियंत्रण सेब के समान करना चाहिए।

रोग नियंत्रण

गोंद निकलना  – इसके नियंत्रण हेतु स्ट्रेप्टोसाइक्लिन एक ग्रा. तथा व्लाइटाक्स-50 की 20 ग्रा. मात्रा 10 लीटर पानी में एक साथ
घोलकर दो छिड़काव जून-जुलाई में 15 दिन के अन्तर पर करना चाहिए।

क्राउनगाल – पौधशाला का रोग है। इसके लिए प्रतिरोधी मूलवृन्त का प्रयोग करना चाहिए।

झुलसा रोग – इसके नियंत्रण हेतु ताम्रयुक्त फफूँदीनाशी के 0.3 प्रतिशत घोल का छिड़काव करें।

अखरोट की तुड़ाई

जब अखरोट के फलों की ऊपर की छाल फटने लगे तब अखरोट की तुड़ाई करनी चाहिए। ऊपर का हरा छिलका अच्छी तरह से निकालने
के बाद अखरोट को धूप में सुखाया जाना नितान्त आवश्यक है।

प्रभावी बिन्दु

  • अखरोट की कल्मी कागजी किस्मों को ही लगाना चाहिए।
  • उचित दूरी पर पौधों को लगाना चाहिए।
  • अधिक ऊँचाई (2400 मी. से अधिक) अखरोट को नहीं लगाना चाहिए।
  • अखरोट की काट-छांट बहुत कम की जाती है।
  • थालों में नमी संरक्षण हेतु पलवार का प्रयोग करना चाहिए।

14 thoughts on “अखरोट (Walnut) के अधिकतम उत्पादन एवं फसल सुरक्षा हेतु ध्यान देने योग्य विशेष बिन्दु।

  1. Satyanarayan Sagwaliya says:

    dear sir,

    i would like to ask you, what about environment, Which State best for farming in India, how to get plant and seed of akhrot .

    Contact: 9981774036

    1. agriavenue says:

      Dear Satyanaryan Ji, Greetings from Agriavenue

      अखरोट के लिए हिमालय रीजन मे उतराखंड, हिमाचल, जम्मू आदि राज्यों मे ऐसे स्थान पर की जा सकती है जहाँ बहुत ठड न पडती हो तथा तापमान 20 से 28 डिग्री के आसपास रहता हो , पोधे हेतु उसी राज्यों के क्षेत्रों से ले सकते है , उसी इलाके के कृषि विज्ञान केंद्र से भी जानकारी लेना उचित होगा.

  2. Roshan bisht says:

    akhror ki narsari kaise tyar ki jati hai

    1. agriavenue says:

      Roshan ji Namaskar,
      अखरोट की पौधे तैयार करने के लिए तकनीकी जानकारी की आवश्यकता होती है |सामान्य किसान इसके लिए नहीं कर सकता है आप भारतीय कृषि अनुसंधान शिमला से पौध व जानकारी ले सकते है इसी केंद्र से पूसा खोड नाम की पृजाती विकसित की है, जो छ से सात साल मे फल देने लगती है तथा इसके अखरोट को मुह से आसानी से तोड सकते है सामान्य ता 900से 3000मीटर उचाई बाले स्थानो पर अखरोट के बाग लगाए जा सकते है |यदि आप कलम लगाने की तकनीकी जानकारी सस्थान से सीख ले तो अच्छा होगा क्योंकि बीज से तैयार पौधे देर से फल देना शुरु करते है|

    2. Nichu rana says:

      Sir hmre akhrot ke fal gir rahe hai to hm kya kren

      1. agriavenue says:

        प्राय सभी फल नहीं रूकते है यदि कोई बिमारी या कीडे की वजह तो बताए ताकि उपचार वताया जा सके?

      2. agriavenue says:

        लेख को ध्यान से पढे|

  3. Ram singh says:

    Uttrakhand se hon akhroot ki kalami podh kahan milegi. Fal kam se kam kitnen samaya min dega. Ram singh raawat.

    1. agriavenue says:

      आप अपने नजदीकी कृषि विभाग/ कृषि विज्ञान केन्द्र से सम्पर्क कर सकते है यदि अपना जिला बता सके तो हम आपको वहाँ का दूरभाष नः दे सकते है ताकि आपकी दोनो सबालो का उत्तर मिल सके

  4. ishwar dass says:

    Sir m ishwar dass from mandi sunder ngr se bilong krta hu ..aap bta skte h ki pussa akhrot k paudhe knha p milenge or is k liye training knha p di jayegi ..taki m is ko qche trike se kr sku …plzzz sir My email id ……[email protected]

    1. agriavenue says:

      अपने नजदीकी कृषि विभाग, कृषि विज्ञान केन्द्र से जानकारी व पोधै प्राप्त कर सकते है हर जिले मे यह केंद्र होते है |

  5. Aditya jain says:

    How much year it will take to yield? Is possible to farm in madhay pradesh.?

    1. agriavenue says:

      भारत में इसकी खेती सेब की खेती की तरह ही हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, कश्मीर के कुपवाड़ा, उड़ी, द्रास और पुंछ आदि बर्फीली घाटियों और अरूणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में की जाती है आपके यहां इसकी बागवानी सम्भव नहीं होगी इसकी बागवानी के लिए दस डिग्री का तापमान होना उचित होता है

  6. अरबिन्द कुमार तिवारी says:

    उत्तर प्रदेश के मध्य में अखरोट की बागवानी हो सकती है?

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