खुबानी (Apricot) के अधिकतम उत्पादन एवं फसल सुरक्षा हेतु ध्यान देने योग्य विशेष बिन्दु।

खुबानी की खेती मुख्यतः मध्य पर्वतीय क्षेत्र में की जाती है तथा इस फसल पर कीट एवं रोग का आक्रमण भी कम होता है।

खुबानी

खुबानी की मुख्य किस्मे

शीघ्र पकने वाली– शिपलेज अर्ली, न्यू लार्ज अर्ली, चौबटिया मधु,चौबटिया अलंकार

मध्य समय – कैशा, मोरपाक्र, टर्की, चारमग्ज

देर से  – रायल, सेंट , अम्ब्रियोस , चौबटिया केसरी, मोरपार्क, हलमनै एवं हारकाटे अधिक ऊंचे क्षत्रे के लिए।

सुखाकर मेवे के रुप– चारमग्ज, पैरा पैरोला, सफेदा, शकरपारा

मीठी गिरी वाली-सफेदा, चारमग्ज, नगेट, नारी, शकरपारा

रोपण की दूरी एवं विधि : अलूचा के समान करें।

उर्वरक एवं खादः अलूचा के समान करें।

काट-छांट

हल्की अलूचा के समान करनी चाहिए। सूक्ष्म पोषक तत्व जस्ता, सुहागा तथा ताँबा का छिड़काव अलूचा के समान करना चाहिए।

सिंचाई, निराई-गुड़ाई तथा नमी सरंक्षण : अलूचा के समान करें।

फसल सुरक्षा

कीट नियंत्रण

पर्णकुंचन इसका नियंत्रण आड़ू के समान करें।

तनाछेदक कीट – इसका नियंत्रण सेब के अनुसार करें।

रोग नियंत्रण

गुलाबी तना रोग – इसकी रोकथाम सेब के अनुसार करें।

गांदे का निकलना – इस समस्या का निदान आड़ू के समान करें।

प्रभावी बिन्दु

  • खुबानी में हल्की छटाई करनी चाहिए।
  • प्रारम्भ में कटाई छटाई केवल ढाँचा बनाने के लिए की जाती है।
  • कटे भाग पर चौबटिया पेस्ट लगायें।

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