फूलगोभी (Cauliflower) की खेती की उन्‍नत विधि |

फूलगोभी
सब्जियों में फूलगोभी का प्रमुख स्थान है। इसमें प्रोटीन कार्बोहाइड्रटे व खनिज लवण प्रर्याप्त मात्रा में पाये जाते हैं। फूलगोभी की अच्छी पैदावार लेने हेतु निम्न उन्नत विधियॉ अपनानी चाहिए : प्रजातियां तथा नर्सरी डालने एवंरोपाई का समय प्रजातिया पौधशाला में बोने का समय रोपाई का समय फूल मिलने का समय (अ) मैदानी अगेती-पूसा कातकी, अर्ली पटना, अर्ली कुवारी, पूसादीपाली, पूसा अर्ली सिन्थेटिक, पंतगोभी-2, 3 व 4 15 मई से 30 जून तक जून-जुलाई सितम्बर-नवंबर मध्यम- हिसार-1, पंत शुभ्...
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शिमला मिर्च (Capsicum) की उन्नत खेती

शिमला मिर्च
[ditty_news_ticker id="1023"] शिमला मिर्च का उपयागे सब्जी एवं सलाद के रूप में किया जाता हैं। यह विटामिन तथा खनिज लवणो का अच्छा स्रोत हैं। शिमला मिर्च अधिक उत्पादन प्राप्त करने हेतु निम्न उन्नत विधियों का प्रयागे करे: शिमला मिर्च के प्रकार  सामान्य किस्में : कैलिफोर्निया वन्डर, बुल नोज, येलो वन्डर, सोलनयलो, अर्का मोहिनी, अर्का गौरव, अर्का बसंत संकर किस्में : भारत, पूसा दीप्ती, हीरा, इन्दिरा पौधशाला तथा रोपाई पर्वतीय क्षेत्रों में टमाटर के समान नर्सरी तथा रोपाई करें। बीज की मात्रा...
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जानिए कैसे होती है टमाटर (Tomato) की उन्नत खेती ?

टमाटर
टमाटर ऐसी फसल है जिसे पूरे वर्श उगाया जा सकता है। इसका प्रयोग सूप, सलाद, चटनी व अन्य कई रूपों में किया जाता है। टमाटर की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए निम्न उन्नत विधियां अपनानी चाहिए टमाटर की किस्में/प्रजातियां  सामान्य किस्में : पूसा गौरव, पूसा शीतल, सालेनागोला , साले नबडा़ , वी.एल. टमाटर -1, आजाद टी-2, अर्का विकास, अर्का सौरभ,पंत टी-3 संकर किस्में : रुपाली, नवीन, अविनाश-2, पूसा हाइब्रिड-4, मनीशा , विशाली , पूसा हाइब्रिड-2, रक्षिता, डी.आर.एल-304, एन.एस. 852, अर्कारक्षक, अर्का सम्राट, अर...
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जानिए कैसे होती है प्याज (Onion) की उन्नत खेती

प्याज
प्याज का उपयोग सब्जी, सलाद, चटनी, अचार व मसाले के रूप में किया जाता है। प्याज की अधिक उत्पादकता में वृद्धि के लिए निम्न उन्नत विधियां अपनाना चाहिए : प्याज की किस्में/प्रजातियां रबी के लिए पूसा रेड, पूसा रतनार, अर्कानिकेतन, एग्रीफाउण्ड लाइट रेड, एग्रीफाउण्ड डार्क रेड, पूसा व्हाइट राउण्ड, पूसा व्हाइट फ्लैट, क्रीओल रेड, पूसा माधवी, पंजाब-48 एवं पंजाब सलेस्क्सन एवं खरीफ के लिए अर्कानिकेतन, एग्रीफाउन्ड डार्क रेड, एन-53 प्रजातियां मुख्य हैं। उर्वरक मृदा परीक्षण के आधार पर उर्वरकों का प्रयागे ...
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खीरा (खीरे – Cucumber) की उन्नत खेती

खीरा
खीरा के प्रकार सामान्य : स्वर्ण शीतल, स्वर्ण अगेती, पूसा उदय, स्वर्ण पूर्णा, प्वाइनसेट, जापानी लांग ग्रीन, पंत खीरा-1 संकर : पंत संकर खीरा-1, पूसा संयोग, आलमगीर, टेस्टी, नूरी बुवाई तराई एवं भावर : लौकी के समान पर्वतीय क्षेत्र 2000 मी. : लौकी के समान बीज की मात्रा : 3 कि.ग्रा./हैक्टर रोपाई 100*50 से.मी. कतार से कतार तथा पौधे से पौधे की दूरी रखनी चाहिए। उर्वरक खीरे की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए 80 कि.ग्रा. नाइट्रोजन, 60 कि.ग्रा. फास्फोरस एवं 60 कि.ग्रा. पोटाश का प्रयोग करें...
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तोरई ( Ridge gourd) की उन्नत खेती

तोरई
तोरई के प्रकार पंत तोरई-1, कल्यानपुर हरी चिकनी, पूसा सुप्रिया, पूसा चिकनी, पूसा नसदार, स्वर्ण मनजरी, स्वर्ण उपहार, अर्का सुमित, पंजाब बहार बुवाई पर्वतीय एवं तराई-भावर : लौकी के समान बुवाई करें। बीज की मात्रा : 5 कि.ग्रा/हैरोपाई : 100*50 से.मी. की दूरी पर रोपाई करनी चाहिए तथा वर्षा ऋतु की फसल को लकड़ी अथवा मचान का सहारा देना चाहिए। खाद एवं उर्वरक तोरई की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए 80 कि.ग्रा. नाइट्रोजन, 60 कि.ग्रा. फास्फोरस एवं 60 कि.ग्रा. पोटाश का प्रयोग करें। इसके साथ-साथ 10...
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क्या आप जानते हो सेम(Beans, Green Beans) की उन्नत खेती कैसे होती है ?

सेम-beans
As per famous Encyclopedia - Wikipedia "Green beans are the unripe, young fruit and protective pods of various cultivars of the common bean (Phaseolus vulgaris).Immature or young pods of the runner bean (Phaseolus coccineus), yardlong bean (Vigna unguiculata subsp. sesquipedalis), and hyacinth bean (Lablab purpureus) are used in a similar way.Green beans are known by many common names, including French beans, string beans, snap beans, and snaps." सेम(Beans) की उन्नत खेती कैसे करे   ?   ...
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करेला (करेले- Bitter Gourd) की उन्नत खेती

करेला
करेले के प्रकार  किस्में -कल्यानपुर सोना, कल्यानपुर वारामासी, प्रिया, पूसा विशेष, कोयम्बटूर लांग, पूसा दोमौसमी, अर्काहरित,पंत करेला संकर - पूसा, हाइब्रिड, एन.बी.जी.एच.167, आर. एच.आर.वी. जी.एच-1 करेले की नर्सरी तथा रोपाई तराई एवं भावर : लौकी के समान पर्वतीय क्षेत्र 1500 मी. : लौकी के समान बीज की मात्राः 5 कि.ग्रा./हैक्टर रोपाई : 150 ग् 60 से.मी. दूरी पर रोपाई अथवा बुवाई करना चाहिए। उर्वरक करेला की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए 80 कि.ग्रा. नाइट्रोजन, 60 कि.ग्रा. फास्फोरस एवं 60 क...
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जौ(Barley) की उन्नत प्रजातियाँ , पैदावार कुन्तल/हेक्टेयर एवं विशेषताए|

जौ
जौ एक खाद्यान्न एवं औद्योगिक फसल है। इसका उपयागे मानव, पशुओं के चारे व दाने में एवं बियर आदि बनाने में किया जाता है। असिंचित दशा में जौ की खेती गेहूँ की अपेक्षा अधिक लाभपद्र है। भूमि एवं जलवायु अच्छे जल निकास वाली दोमट भूमि में जौ की फसल अच्छी होती है। रेतीली एवं कमजोर भूमि में भी यह सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है। जौ जल भराव के प्रति गेहूँ की अपेक्षा अधिक संवेदनशील है। अम्लीय भूमि जौ के लिए अनुपयुक्त है। जौ शीतोष्ण जलवायु की फसल है। गर्म जलवायुवाले क्षेत्रों में इसकी खेती ठंडे (रबी) मौसम मे...
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जानिए कैसे होती है अमरूद(Guava) के बाग की स्थापना एवं देखभाल

अमरूद
अमरूद भारत का एक लोकप्रिय फल है। पोशक गुणों में अमरूद सबे से भी अच्छा हैं। बार्वेडोज़ चेरी और आंवला के बाद विटामिन ‘सी‘ की मात्रा इसमें अन्य फलों से अधिक पाई जाती है। अमरूद की उन्नत प्रजातियाँ 1. पतं प्रभात : यह अमरूद की नवीन किस्म हैं। इस किस्म के पेड़ ऊपर बढ़ने वाले, मध्यम ऊंचाई के होते हैं। इस किस्म के पेड़ की पत्तिंया अपेक्षाकृत अधिक लम्बी एवं चौड़ी होती हैं। फलों का आकार गाले , सतह चिकनी, पकने पर आकर्षक पीला, गूदा सफदे तथा फल खाने में मीठे एवं स्वादिष्ट होते हैं। इसके बीज छोटे तथा मुलायम ह...
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