जानिए कैसे होते है बैंगन (Brinjal , Egg Plant) की उन्नत खेती

बैंगन के प्रकार 

सामान्य किस्में

पंत सम्राट, पतं ऋतुराज , पतं बैंगन-4, ए. आर.यू.-1, पूसा क्रान्ति, आजाद क्रान्ति, पूसा उपकार, पूसा उत्तम, अर्का निधि

संकर किस्में

पतं सकंर बैंगन-1, पूसा हाइब्रिड-5, पूसा हाइब्रिड-9, पूसा हाइब्रिड-6, काशी सन्देश

बैंगन

बैंगन की नर्सरी एवं रोपाई

तराई एवं भावर :

नर्सरी      –    जनवरी/फरवरी
रोपाई      –    फरवरी/मार्च
नर्सरी      –    जनू /जुलाई
रोपाई      –    जुलाई/अगस्त

पर्वतीय क्षेत्र

सिंचित घाटी :
नर्सरी       –     जनवरी/फरवरी
रोपाई       –     मार्च/अप्रैल
असिंचित :
नर्सरी       –     अपलै्र /मई
रोपाई       –      मई/जनू

बीज की मात्रा

सामान्य किस्में – 500 ग्रा./हैक्टर
संकर किस्में    – 250 ग्रा./हैक्टर

रोपाई

75*60 तथा 60*45 से.मी. गोल किस्मोंके लिए तथा 60*60 से. मी. लम्बी किस्मों के लिए।

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उवर्रक 

बैंगन की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए 120 कि.ग्रा. नाइट्रोजन, 60 कि.ग्रा. फास्फोरस एवं 50 कि.ग्रा. पोटाश का प्रयोग करना चाहिए। इसके साथ-साथ 10 टन/है. सड़ी गोबर की खाद का भी प्रयोग करना चाहिए।

सिंचाई, निराई-गुड़ाई एवं खरपतवार नियंत्रण

जहाँ पानी की सुविधा हो आवश्यकतानुसार 2-3 सिंचाई अप्रैल-मई माह में करना चाहिए। रोपाई के 20-25 दिन बाद निराई-गुड़ाई करनी चाहिए। इसके पश्चात् खेत में खरपतवार नहीं उगने देना चाहिए। असिंचित दशा में पहली निराई-गुड़ाई के बाद पलवार बिछाई जा सकती है।

कीट नियंत्रण

एपिलेकना : कार्बराइल 0.2% या मेलाथियान 2 मिली/ली. के 0.15% घोल का छिड़काव करना चाहिए।

फल तथा प्ररोहबेधक : प्रभावित फलों तथा प्ररोह को हाथ से तोड़कर नष्ट कर देना चाहिए। इसके पश्चात् कार्बराइल 0.2% घोल के 2-3 छिड़काव 12-15 दिन के अन्तर पर फूल आते समय करना चाहिए।

रागे नियंत्रण

फल विगलन : बीज का शोधन कार्बेन्डाजिम 1.0 ग्रा./कि.ग्रा. बीज करना चाहिए। पौधे पर कार्बेन्डाजिम के 0.1 प्रतिशत घोल का छिड़काव करें। प्रभावित फलों को एकत्र करके मिट्टी में गाड़ दें।

स्कलेराटीनिया अंगमारी : इसका उपचार गोबी में दिये गये रसायन से करना चाहिए।

उपज

सामान्य किस्मो का उत्पादन 300-350 कु./है. तथा सकंर किस्मो का उत्पादन 400-450 कु./है. प्राप्त होता है।

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प्रभावी बिन्दु

  • पौधशाला प्रबन्ध करें।
  • बीज शोधित करके ही पौध डालें।
  • जलनिकास का उचित प्रबन्ध करें।
  • फल बेधक कीट का नियंत्रण करें।
  • रागे का नियंत्रण करें।
  • पौधों को मजबूती प्रदान करने के लिए मेड़ बनाये।

5 thoughts on “जानिए कैसे होते है बैंगन (Brinjal , Egg Plant) की उन्नत खेती

  1. Gabbarsingh Dawar says:

    Mughe dhaniya avm brinjal ka uttam kism ki kheti karani h uchit bij avm uchit samay bataye jamin bhurbhri domat h

  2. उमेशवर प्रताप says:

    सर नमस्कार मै उमेशवर प्रताप त्रिपाठी गोण्डा उत्तर प्रदेश से सर मैंने दो बीघे बैगन लगाये है और पौधे को उपचारित नही कर पाया हु जिससे पौधे सूख रहे हौ कया करू उचित जानकारी दें

    1. agriavenue says:

      फसल मे 400 ग्राम इंडोफिल एम-45 दवा 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें। जड़ गांठ रोग की रोकथाम के लिए नर्सरी में कार्बोफ्यूरान 3 जी सात ग्राम प्रति वर्ग मी. के हिसाब से भूमि में मिलाएं। छोटी पत्ती या मोजेक रोग की रोकथाम के लिए रोपाई के बाद टेट्रासाइक्लिन के घोल से स्प्रे कर सकते है

  3. Prakash kumar says:

    हम पलामू जिला से हु जो आप कीटनाशक दावा लिखे है मार्केट मे मिलता ही नहीं है येसा ज़हर का नाम लिखिए की सभी जगह पर मिल जाए

  4. उमेशवर प्रताप says:

    सर जी नमस्कार मेरे बैगन मे छोटी पत्ती रोग फल छेदक व तना छेदक व कम पैदावार और पौधे का विकास अच्छा नही हो रहा है क्या करे उपाय बताये

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