जानिए कैसे होती है प्याज (Onion) की उन्नत खेती

प्याज का उपयोग सब्जी, सलाद, चटनी, अचार व मसाले के रूप में किया जाता है। प्याज की अधिक उत्पादकता में वृद्धि के लिए निम्न उन्नत
विधियां अपनाना चाहिए :

प्याज

प्याज

प्याज की किस्में/प्रजातियां

रबी के लिए पूसा रेड, पूसा रतनार, अर्कानिकेतन, एग्रीफाउण्ड लाइट रेड, एग्रीफाउण्ड डार्क रेड, पूसा व्हाइट राउण्ड, पूसा व्हाइट फ्लैट, क्रीओल रेड, पूसा माधवी, पंजाब-48 एवं पंजाब सलेस्क्सन एवं खरीफ के लिए अर्कानिकेतन, एग्रीफाउन्ड डार्क रेड, एन-53 प्रजातियां मुख्य हैं।

उर्वरक

मृदा परीक्षण के आधार पर उर्वरकों का प्रयागे करना चाहिए, सामान्य स्थिति में 80 से 100 कि.ग्रा. नत्रजन, 50 कि.ग्रा. फास्फोरस एवं 50 किग्रा. पोटाश तत्व प्रति है. की दर से देना चाहिए।

उपरोक्त तत्वों की पूर्ति लगभग 110 किग्रा. डी.ए.पी. 175 कि.ग्रा. यूरिया एवं 80 कि.ग्रा. म्यूरेट आफ पोटाश जैसी खादों से की जा सकती है। नत्रजन की आधी एवं फास्फोरस व पोटाश की पूरी मात्रा भूमि तैयारी के समय तथा शेष नत्रजन की मात्रा दो बराबर भागों में बाँट कर रोपाई के लगभग एक माह बाद डालनी चाहिए।

You Can Also Check Out :-  खीरा (खीरे – Cucumber) की उन्नत खेती

प्याज के बीज एवं बुवाई

मैदानी क्षेत्रों मेंः अक्टूबर के अन्त से नवम्बर मध्य तक

पहाड़ी क्षेत्रों में : 6000 फीट की ऊंचाई तक अक्टूबर से नबम्बर मध्य तक 6000 फीट से अधिक ऊंचाई पर फरवरी अन्त से मई तक। एक हेक्टेयर क्षत्रे की रोपाई के लिए 8-10 कि.ग्रा. बीज पर्याप्त होता है।

रोपाई

1. मैदानी क्षत्रे – दिसम्बर के अन्त से जनवरी मध्य तक।
2. पहाडी़ क्षत्रे – (6000 फीट की ऊंचाई) दिसम्बर मध्य से जनवरी तक।
3. पहाडी़ क्षत्रे – (6000 फीट से अधिक ऊंचाई) मार्च-अप्रैल।

6-8 सप्ताह की पौध की रोपाई 15 से.मीकतार से कतार तथा 8-10 सेमी. पौध से पौध की दूरी पर करनी चाहिए।

You Can Also Check Out :- करेला (करेले- Bitter Gourd) की उन्नत खेती

निराई-गुड़ाई

प्याज की गहरी गुड़ाई नहीं करनी चाहिए। खरपतवार के नियत्रंण के लिए खरपतवारनाशी रसायन जैसे, स्टाम्प 3.25 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से जमाव से पूर्व अथवा बासालीन 2 लीटर प्रति हेक्टेयरबुवाई से पूर्व 1000 लीटर पानी में घाले कर छिड़के। बासालीन को मिट्टी में मिलाकार रोपाई करें तथा आवश्यकता पड़ने पर एक निराई करे।

सिंचाई

आवश्यकतानुसार समय-समय पर सिचाई करते रहना चाहिए। खते में नमी की अधिक कमी हो जाने के बाद सिंचाई करने पर प्याज का बारीक छिलका फटने का तथा अधिक सिंचाई से भण्डारण क्षमता कम होने का डर रहता है।

रोग एवं उनका नियंत्रण

बैगंनी धब्बा रोग : यह एक फफूदी जनित रागे है। पत्तियों , बीज बृन्तों  एवं शल्ककन्दों  पर लगता है। छोटे धब्बे बाद में चलकर ज्यादा नम मौसम में बड़े हो जाते है जो बीच में बगैंनी रगं का होता हैं भयंकर स्थिति में काला पड़ जाता है। रोग प्रकट होने पर मैंकोजेब 0.25 प्रि तशत (इण्डाे फल एम-45/डायथने एम-45) का घाले बनाकर 15 दिन के अन्तर से तीन छिड़काव करना चाहिए।

You Can Also Check Out :-  सेम(Beans, Green Beans) की उन्नत खेती कैसे होती है 

कीट नियंत्रण

थ्रिप्स : इनके प्रकापे से पत्तियों के सिरे भूरे रंग के हो जाते हैं और सूखकर गिरने लगते है। इनके नियंत्रण के लिए 0.1 प्रतिशत डाईमेथोएट 30 ई.सीके घोल का 15 दिन के अन्तर पर स्टीकर मिलाकर छिड़काव करें। बैंगनी धब्बा रोग तथा थ्रिप्स के नियंत्रण हेतु मैंकोजेब 0.25 प्रतिशत, डाइमेक्रान 0.03 प्रतिशत व स्टीक र 2 मि.ली./ली. पानी में एक साथ घाले कर छिड़काव करना अधिक प्रभावशाले होता है।
मैगट : यह कीड़ा एक छोटी मक्खी का लार्वा है। कभी-कभी भारी हॉनि पहुँचता है। प्रभावित पौधां को उखाड़कर देखने से मूलांश के निकट ये कीड़े दिखाई देते हैं। इसके नियंत्रण के लिए फोरटे 10 जी या कार्बाफ्यूरान 3 जी 20-25 किग्रा. प्रति हेक्टेयर की दर से पौध रोपण के पहले डालने से आक्रमण को रोका जा सकता है परन्तु 45 दिन तक प्याज खाने के काम में न लाई जाए।

उपज

हरी प्याज की औसत उपज 150-200 कुन्तल एवं परिपक्व प्याज की 200-250 कुन्तल प्रति हैक्टर पैदावार होती है।

5 thoughts on “जानिए कैसे होती है प्याज (Onion) की उन्नत खेती

  1. दिनेश सिंह जाट says:

    प्याज फुलने की दवाई

    1. agriavenue says:

      कोई दबा नहीं है सतुलित खाद का प्रयोग करे|

  2. Sanjay says:

    मेरे प्याज कि फसल मै पत्तीयाँ पीली हो रही है ओर जडो मै दिमक लग रही है क्या करे

    1. agriavenue says:

      दीमक के उपचार के लिए क्लोरोपाएरी फास नामक दवा का छिडकाव करे|

  3. Gaharwar ji says:

    Bahut achchhi janakari di apne thankyou sir g

Leave a Reply to Sanjay Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *