मिट्टी की उर्वरकता में सुधार-मिट्टी का स्वास्थ्य कार्ड भूमि संरक्षण और सूक्ष्‍म पोषक तत्‍व

मिट्टी की उर्वरकता में सुधार-मिट्टी का स्वास्थ्य कार्ड भूमि संरक्षण और सूक्ष्‍म पोषक तत्‍व

मिट्टी का स्वास्थ्य कार्ड

मिट्टी की उर्वरकता में सुधार

 

1.  तिलहन, दलहन, पाम ऑयल और मक्का की एकीकृत योजना (आईएसओपीओएम) के अंतर्गत:

1.1 जिप्सम / पाइराइट / चूना / डोलोमाइट की सप्लाई -> 750 प्रति हेक्टेयर
1.2 अभाव वाले क्षेत्रों में सूक्ष्म पोषक तत्वों की सप्लाई -> 500 प्रति हेक्टेयर

2. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एन एफ एस एम) के अंतर्गत:

2.1 गेहूं में जिप्सम की सप्लाफई -> एक साथ जिप्सिम और सूक्ष्म पोषक तत्वों के लिए गेहूं के लिए स्वीकार्य 1000 प्रति हेक्टेयर के पैकेज के भीतर `750 प्रति हेक्टेयर तक सीमित 50% लागत और भाड़ा।
2.2 गेहूं और दालों में सूक्ष्म पोषक तत्व -> एक साथ जिप्सम / चूने और सूक्ष्म पोषक तत्वों के लिए गेहूं के लिए स्वीकार्य 1000 प्रति हेक्टेयर और दालों में स्वीषकार्य 1250 प्रति हेक्टेयर के पैकेज के भीतर `500 प्रति हेक्टेयर तक सीमित लागत का50%।
2.3 चावल में सूक्ष्म पोषक तत्व -> `500 प्रति हेक्टेयर तक सीमित लागत का 50%।
2.4 चावल में चूना / चूना सामग्री और दालों में चूना / जिप्सम -> चावल में 500 प्रति हेक्टेयर तक सीमित सामग्री की लागत का 50%। चूना / जिप्सम के लिए दालों में `750 प्रति हेक्टेयर तक सीमित सामग्री की 50% लागत और भाड़े पर सहायता।

3. राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एन एच एम) के अंतर्गत:

3.1 जैविक खेती अपनाना -> 10,000 प्रति हेक्टेयर
3.2 वर्मी-कंपोस्ट इकाई -> 30,000 प्रति इकाई (एक हेक्टेयर क्षेत्रफल के लिए)

4. मिट्टी के स्वास्थ्य और उर्वरता के प्रबंधन पर राष्ट्रीय परियोजना

4.1 मिट्टी के नमूनों का परीक्षण> राज्य सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम दर पर
4.2 जैविक खाद के इस्तेमाल को बढ़ावा देना -> `500 प्रति हेक्टेयर
4.3 अम्लीय भूमि पुनः प्राप्त करने के लिए चूने / क्षारीय धातुमल की सप्लाई -> लागत की 25% दर से `500 प्रति हेक्टेयर
4.4 सूक्ष्म पोषक तत्वों का संवर्धन और वितरण -> `500 प्रति हेक्टेयर

किससे संपर्क करना है?

जिला कृषि अधिकारी / जिला बागवानी अधिकारी / परियोजना निदेशक ए टी एम ए

क्या करना है
1. हमेशा मिट्टी के आधार पर उपयुक्त मात्रा में उर्वरकों का उपयोग करें।
2. मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए जैविक खाद का प्रयोग करें।
3. उर्वरकों का अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए, हमेशा छींटने की बजाय जड़ क्षेत्र में डालें
4. जड़ों / कलियों के उचित विकास और फसलें समय पर पकने, खासकर फलीदार जो मिट्टी की उर्वरता के लिए वायुमंडलीय नाइट्रोजन स्थिर करती है, के लिए फास्फेंटिक उर्वरकों के विवेकपूर्ण और कुशल उपयोग का सहारा लें।
5. भागीदारी भरी जैविक गारंटी प्रणाली (पी जी एस – भारत) प्रमाणन प्रणाली अपनाने के इच्छुक किसान कम से कम 5 किसानों का समूह बना सकते हैं और जैविक कृषि के निकटतम क्षेत्रीय केंद्र में  पंजीकरण करवा सकते हैं।

 

[Resource – From Whatsapp group.]

 

6 thoughts on “मिट्टी की उर्वरकता में सुधार-मिट्टी का स्वास्थ्य कार्ड भूमि संरक्षण और सूक्ष्‍म पोषक तत्‍व

  1. mahendra says:

    Gannene I ki uttam verayti kon si h Kali mitti me

    1. agriavenue says:

      Co 0238 (करन 4) एक उच्‍च उपजशील और उच्‍च शर्करा मात्रा वाली किस्‍म है जिसे Co LK 8102 x Co 775 के क्रॉस से उत्‍पन्‍न किया गया है। इस किस्‍म का विकास गन्‍ना प्रजनन संस्‍थान, क्षेत्रीय केन्‍द्र, करनाल में किया गया|
      इस मिट्टी में गन्ना, केला, ज्वार, तंबाकू, रेंड़ी, मूँगफली और सोयाबीन की भी अच्छी पैदावार होती है|

  2. Khemu Ram Sahu says:

    Chan ki kheti

  3. पप्पू राम यादव says:

    Sir मिर्च की फसल के लिये किसी मिटटी की जरुरत है

    1. agriavenue says:

      कृपया इस लेख को पढ़िए सर
      –https://goo.gl/dTxo6B

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