तराई-भावर में तोरिया की खेती (लाही), पीली सरसों एवं राई की खेती रबी मौसम में मुख्य तिलहनी फसल के रुप से की जाती है। इनकी उत्पादकता बढ़ाने हेतु फसलबार इन बिन्दुओं पर विशेष ध्यान दे। अल्प अवधि में अधिक उपज क्षमता की सामर्थ्य होने के कारण तोरिया को कैच क्राप के रुप में खरीफ एवं रबी मौसम के बीच मैदानी, तराई एवं भावर तथा निचले पर्वतीय क्षेत्रों में उगाकर अतिरिक्त लाभ अर्जित किया जा सकता है।
तोरिया की खेती में बीज दर एवं बुवाई की विधि
4 कि.ग्रा. बीज की मात्रा प्रति हैक्टर प्रयागे करनी चा...
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