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शिमला मिर्च का उपयागे सब्जी एवं सलाद के रूप में किया जाता हैं। यह विटामिन तथा खनिज लवणो का अच्छा स्रोत हैं। शिमला मिर्च अधिक उत्पादन प्राप्त करने हेतु निम्न उन्नत विधियों का प्रयागे करे:
शिमला मिर्च के प्रकार
सामान्य किस्में : कैलिफोर्निया वन्डर, बुल नोज, येलो वन्डर, सोलनयलो, अर्का मोहिनी, अर्का गौरव, अर्का बसंत
संकर किस्में : भारत, पूसा दीप्ती, हीरा, इन्दिरा
पौधशाला तथा रोपाई
पर्वतीय क्षेत्रों में टमाटर के समान नर्सरी तथा रोपाई करें।
बीज की मात्रा
सामान्य किस्में : 1000 ग्राम प्रति हैक्टर
संकर किस्में : 350-400 ग्राम प्रति हैक्टर
बीजशोधन
टमाटर की तरह बीज का शोधन करें।
दूरी
शिमला मिर्च की रोपाई 45*45 से.मी. की दूरी पर की जानी चाहिए। तराई क्षेत्रों में 50*50 से. मी. पर रोपाई करें।
उर्वरक एवं खाद प्रति हैक्टर
सामान्य किस्में
नाइट्रोजन : 120 कि.ग्रा.
फास्फोरस : 60 कि.ग्रा
पोटाश : 60 कि.ग्रा
संकर किस्में
नाइट्रोजन : 150 कि.ग्रा.
फास्फोरस : 75 कि.ग्रा
पोटाश : 75 कि.ग्रा.
20 टन गोबर की सड़ी खाद।
उर्वरक एवं खाद का प्रयोग टमाटर की भॉति करना चाहिए।
वृद्धि नियामक
1. 2,4-डी की (साे डयम साल्ट-80 प्रतिशत ) 1.250 ग्रा मात्रा 500 लीटर पानी में घाले कर पहला छिड़काव पुष्प आने पर तथा दूसरा छिड़काव पहले छिड़काव के 20 दिन बाद करने से उपज में वृद्धि होती है।
2. प्लेनोफिक्स 2-4 मि.ली./4.5 ली. पानी में घाले कर दो बार छिड़काव करें।
3. एन.ए.ए. (नेप्थेलिन एसिटिक एसिड)- 40 मिग्रा./ लीटर पानी की दर से दो बार छिड़काव करने से उपज में वृद्धि पायी गयी है।
सिंचाई, निराई-गुड़ाई, खरपतवार नियंत्रण
सिंचित घाटी में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। असिंचित दशा में टमाटर के समान सिंचाई, निराई-गुड़ाई तथा खरपतवार नियंत्रण करें।
कीट नियंत्रण
फलबेधक : फलबेधक के नियत्रंण हेतु टमाटर के समान छिड़काव करें।
एफिड : डायमेथोएट के 0.1 प्रतिशत अथवा मिथाइल ओडेमिटान 0.1 प्रतिशत घोल का फूल आते समय तथा फल लगते समय छिड़काव करें।
कटवर्म : इसका नियंत्रण टमाटर के समान करें।
व्याधि नियंत्रण
एन्थ्रेक्नोज -एन्थ्रेक्नोज की रोकथाम हेतु लक्षण दिखाई देते ही कापर आक्सीक्लोराइड के 0.25 प्रतिशत घाले का छिड़काव करें।
फ्यूजेरियम विल्ट– इसकी रोकथाम हेतु कार्बेन्डाजिम के 0.1 प्रतिशत घाले की ड्रैचिंग तथा छिड़काव करें तथा जल निकास का उचित प्रबन्ध करें। लम्बी अवधि के फसल चक्रअपनायें।
उपज
अच्छी देखरेख पर 100-150 कु./है. उपज प्राप्त होती है।
सर जी क्या शिमला की खेती सीधे बीज बोकर नही हो सकती है
शिमला मिर्च की खेती सीधे बीज बोकर नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमे किसान को नुकसान होगा बीज मँहगा होने तथा अन्य कृषि कार्य (निराई ,गुडाई)आदि पर भी ज्यादा खर्च के कारण नर्सरी बनाकर और रोपाई करना उचित होता है
रिप्लाई फास्ट
सर जी गेहू की कटाई के बाद मई माह मे किन किन सब्जियों की बुवाई की जा सकती है सर अगर आप अपना मोबाइल नम्बर दे दे तो आप का बहुत बहुत धन्यवाद अगर ना हो सके तो वाट्सअप्प मे ही जोड दे मेरा नम्बर है 9918639501 गोण्डा उत्तर प्रदेश
सर में उप्र के औरैया जिले के अजीतमल तहसील के चकसत्तापूर गांव करने वाला हु में रंगीन शिमला मिर्च की खेती कसरत चाहता हु जानकारी दे मो9897820182
हाँ जी हो सकती है पाँली हाऊस मे खेती करना होगी
Simla mirch ke kheti kab karte hai
नर्म आर्द्र जलवायु की फसल है.देश के अलग-अलग राज्यों में इसकी फसल ली जाती है, लेकिन छत्तीसगढ़ मे सामान्यतः शीत ऋतु मे तापमान 100 सेल्सियस से अक्सर नीचे नही जाता एवं ठंड का प्रभाव बहुत कम दिनो के लिये रहने के कारण इसकी वर्ष भर इसकी फसल ली जा सकती है. इसकी अच्छी वृद्धि एवं विकास के लिये 21-250 सेल्सियस तापक्रम उपयुक्त रहता है. शीत श्रृतु में पड़ने वाला पाला इसके लिये हानिकारक होता है. ठंडे मौसम मे इसके फूल कम लगते है, फल छोटे, कड़े एवं टेढ़े मेढ़े हो जाते है|
Sir main Saran, Bihar ka rahane wala hu. November me kin kin sabjiyo ki kheti kar sakata hu.
लेख क ध्यान से पढे सभी जानकारी मिलेगी-
https://goo.gl/TVNSPk
इस समय धनिया मेथी पालक मूली लहसुन आदि की खेती की जा सकती है|