धनिया एक बहुमूल्य बहुउपयोगी मसाले वाली आर्थिक दृष्टि से भी लाभकारी फसल है। धनिया के बीज एवं पत्तियां भोजन को सुगंधित एवं स्वादिष्ट बनाने के काम आते हैं। सामान्यतः इसका उपयोग सब्ज़ी की सजावट और ताज़े मसाले के रूप में किया जाता है| मारवाडी भाषा में इसे धोणा कहा जाता है। इसके बीज को सुखाकर सूखे मसाले की तरह प्रयोग किया जाता है।
जलवायु
ऐसे क्षेत्र इसके सफल उत्पादन के लिए सर्वोत्तम माने गए है धनिये की अधिक उपज एवं गुणवत्ता के लिए शुष्क एवं ठंडी जलवायु उपयुक्त रहती है इसे खुली धुप की आवश्यकता होती है ।
भूमि
धनिये को लगभग सभी प्रकार की मृदाओं में उगाया जा सकता है बशर्ते उनमे जैविक खाद का उपयोग किया गया हो उचित जल निकास वाली रेतीली दोमट इसके उत्पादन के लिए सर्वोत्तम मानी गई है क्षारीय व हलकी बलुई मिटटी इसके सफल उत्पादन में बाधक मानी जाती है ।
भूमि और उसकी तैयारी
खेत को भली प्रकार से जोतकर मिटटी को भुरभुरा बना लें और अंतिम जुताई के समय १५-२० टन गोबर या कम्पोस्ट की अच्छी सड़ी-गली खाद खेत में एक साथ मिला दें यदि खेत में नमी की कमी है तो पलेवा करना चाहिए ।
प्रजातियाँ
भारत में धनिए की अनेक उन्नत किस्मे उपलब्ध है अत: कृषकों चाहिए की केवल उन्नत किस्मे ही बोए कुछ उन्नत किस्मों के गुणों का उल्लेख निचे किया गया है
आर.सी.आर.४१ ,आर.सी.आर.२० ,,गुजरात धनिया २ (जी-२) ,पूसा चयन ३६०,स्वाति लाम चयन सी.एस.२ ,साधना,राजेन्द्र स्वाति,सी.एस. २८७ ,को.१ ,को.२ ,को.३ ,आर.सी.आर.६८४,आर.सी.आर.४३६
बीज बुवाई
धनिया मुख्यत: रबी की फसल है भारत वर्ष के अधिकतर क्षेत्रों यह वर्षा पर आधारित फसल है इसलिए इसे शुद्ध या मिश्रित फसल के रूप में उगाया जाता है उ.प्र. में इसे ठन्डे मौसम में उगाया जाता है जबकि दक्षिणी राज्यों में इसकी खेती दोनों मौसमों में की जाती है यहाँ साल में एक बार मई से अगस्त और दूसरी बार अक्तूबर से जनवरी तक होती है दूसरी खेती का सर्वोत्तम समय अक्तूबर -नवम्बर का द्वितीय सप्ताह है क्योंकि इस समय ठण्ड अधिक नहीं पड़ती किन्तु धनिये की बुवाई का उपयुक्त समय 15 अक्तूबर से 15 नवम्बर तक है ।
बीज की मात्रा
धनिए की बीज की मात्रा इस बात पर निर्भर करती है की इसे किस विधि से बोया जा रहा है यदि इसे छिटकवां विधि से बोया जा रहा है तो उस समय प्रति हे.२२ कि.ग्रा.बीज की आवश्यकता होती है जबकि पंक्तियों में बोने के लिए १२-१५ कि.ग्रा. बीज पर्याप्त है ।
बीजोपचार
धनिये की खेती के लिए सर्वप्रथम इसके दानों को दो भागो में कर देना चाहिए इसके बाद बीज को नीम का तेल, गौमूत्र अगर खेत में दीमक है तो कैरोसिन से उपचारित कर बोना चाहिए ।
बुवाई की विधि
आमतौर पर किसान भाई धनिये की छिटकावां विधि से बुवाई करते है जी की एक गलत विधि है इस विधि में कम समय में अधिक क्षेत्र की बुवाई सुगमता से हो जाती है परन्तु इस विधि में अधिक बीज की आवश्यकता होती है और कही-कही बीज अधिक और कही-कही कम पड़ते है कृषि कार्यों को करने में काफी कठिनाई होती है इसके साथ ही उपज कम मिलती है अत: धनिये की बुवाई सदैव पंक्तियों में करनी चाहिए इसके लिए पंक्तियों की आपसी दूरी 25 से 35 से.मी. और पौधों की आपसी दूरी 10 से 12 से.मी.रखनी चाहिए कूड में बीज की गहराई 3-5 से.मी.तक होनी चाहिए इससे अधिक गहरा बीज बोने से अंकुरण देर से और कम मात्रा में होता है
आर्गनिक खाद
धनिये कि भरपूर उपज लेने के लिए प्रति एकड़ 10 -12 टन गोबर या कम्पोस्ट खाद सड़ी हुयी प्रथम जुताई से पूरब खेत में सामान मात्रा में बिखे कर जुताई कर खेत तैयार कर बुवाई करे जब फसल २०से 25 दिन की हो जाये तो जीवामर्त का छिड्काब करना चाहिए
खरपतवार
धनिये फसल फसल के साथ अनेक खरपतवार उग आते है जिसके कारण पौधे के विकास एवं बढ़वार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है अंतत: उपज में भारी कमी आ जाती है ।
खरपतवारों के नियंत्रण के लिए दो बार निराई गुड़ाई करनी चाहिए पहली बुवाई से ३०-४५ दिन बाद और दूसरी निराई गुड़ाई के ६०-७० दिन बाद जहाँ पौधे अधिक उगे हों वहां पहली निराई गुड़ाई के समय अनावश्यक पौधों को हटाकर पौधों की आपसी दुरी १०-१२ से.मी.कर देनी चाहिए ।
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कीट नियंत्रण
चैंपा
यह धनिये पर आक्रमण करने वाला- पहला कीट है सामान्यत: पुष्पण के आरंभ होते ही आक्रमण होता है यह पौधे के कोमल अंगों का रस चूसता है ।
नियंत्रण
इसके नियंत्रण के लिए नीम का तेल और गौमूत्र को साथ मिलाकर पम्प द्वारा तर-वतर कर छिडकाव करे ।
रोग
धनिये के फसल में बिभिन्न प्रकार के रोग लगते है जिनके कारण उपज तो कम होती है साथ उपज की गुणवत्ता भी निम्न कोटि की हो जाती है धनिये की प्रमुख रोगों की नियंत्रम विधियों का उल्लेख निचे किया गया है ।
उकठा
यह धनिये का सबसे भयंकर रोग है इस रोग के कारण पौधे मुरझा जाते है जिससे पौधों के विकास व बढ़वार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है ।
दो माह की है खेती
धनिया की खेती मात्र दो माह की है। खेतों बीज डालने से लेकर उसकी उपज लेने में किसानों को मात्र दो माह का समय लगता है। किसान बड़ी जतन से फसल के खर पतवार हटाते हैं एवं कीटों से उसकी रक्षा करते हैं। इसके अलावा फसल में ससमय खाद व सिचाई भी करते हैं। धनिया की फसल में किसान परिवार लगे रहते हैं।
इन गांवों में होती है खेती
प्रखंड में इचाक, टावाटांड, पीरी, जबड़ा, देल्हो, एदला व डाडी में धनिया की बहुतायत मात्रा में खेती की जाती है। यहां की फसल उन्नत किस्म की मानी जाती है। जिसकी मांग जिले से बाहर हो रही है।
बिहार एवं बंगाल में है धनिया की मांग
धनिया पत्ता की मांग झारखंड के विभिन्न जिलों के अलावा बिहार और बंगाल में खूब है। बिहार के गया जिले से लेकर बंगाल के कलकत्ता, आसनसोल के बाजार में खूब बिकती है। व्यापारी किसानों से धनिया पत्ता खरीदकर मंडियों तक पहुंचाते हैं। किसानों का कहना है कि कृषि विभाग अगर धनिया की खेती को बढ़ावा दे तो यहां किसान पूरे प्रदेश में अपनी पहचान बना लेंगे।
आर्थिक विश्लेषण | ||||||||||||||
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धनिया फसल की उत्पादकता बढाने हेतु प्रमुख बिन्दु | ||||||||||||||
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Resources for the article taken from:
https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A7%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE
http://www.jagran.com/jharkhand/chatra-9716139.html
http://mpkrishi.mp.gov.in/
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Khad kon Kon sa or kab dalna chiye
Kushwah ji ,Thanku for coming to agriavenue.com
please read the post carefully Under the heading “Organic Khad”
also—
धनिया के per hectare के लिए 100-150 कुंटल सड़ी हुई गोबर की खाद,
80 किलोग्राम नत्रजन,
50 किलोग्राम फास्फोरस
50 किलोग्राम पोटाश की आवश्यकता पड़ती है।
गोबर की खाद को मिट्टी में भली प्रकार से मिला देते हैं। धनिया की फसल में कार्बनिक खादों के प्रयोग से अच्छे result मिलते हैं, जबकि ऐसे खेत में जिनमें कार्बनिक पदार्थ की मात्रा कम होती है, इससे पौधों की growth प्रभावित होती है।
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MP ke mandsaur jile me kis samay buvai kre
शुष्क व ठंडा मौसम अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिये अनुकूल होता है । बीजों के अंकुरण के लिय 25 से 26 से.ग्रे. तापमान अच्छा होता है । धनिया शीतोष्ण जलवायु की फसल होने के कारण फूल एवं दाना बनने की अवस्था पर पाला रहित मौसम की आवश्यकता होती है । धनिया को पाले से बहुत नुकसान होता है । धनिया बीज की उच्च गुणवत्ता एवं अधिक वाष्पशील तेल के लिये ठंडी जलवायु, अधिक समय के लिये तेज धूप, कीआवश्यकता होती है अतः धनिया बोने का सबसे उपयुक्त समय 10 अक्टूबर से 15 नवम्बर है
ठंड से मरा हुआ धनिया
यदि बर्फ से खराब हुआ है तो कुछ उपाय नहीं है
Mughe dhaniya avm brinjal ka uttam kism ki kheti karani h uchit bij avm uchit samay bataye jamin bhurbhri domat h
यह किसान भाई किस पृदेश से है नहीं पता ?फिर भी धनिया पहाड़ी राज्य को छोड़कर अक्टूबर माह मे तथा दक्षिणी राज्यो मे बर्ष मे दोबार बुबाई की जाती है | पहाड़ी स्थान पर भी पूरे बरष खेती की जा सकती है मिट्टी मे पानी नहीं भरता हो हल्की दुमट मिट्टी है तो अच्छा है ऐसी मिट्टी मे धनियां हो जाएगा धनिया की किस्म के लिए पूसा सस्थान नयी दिल्ली तथा पंतनगर विशवविद्यालय अथवा पंजाब विशवविद्यालय से बीज ले सकते है बैगन आपके खेत मे हो सकता है अच्छे बीज हेतु निजी कम्पनी जैसे महिको ,नाथ आदि से बाजार मे उपलब्ध और भी अच्छी कम्पनी के बीज ले सकते है बैगन हेतु हाईब्रिड बीज ले अच्छी उपज ले सकते है किंतु अपने आसपास के बाजार मे पता कर ले कि वहाँ गोल अथवा लम्बा बैगन मे से किसकी माँग ज्यादा है ताकि आपको बाद मे परेशानी न हो| यदि आपके नजदीक कृषि विज्ञान केन्द्र है तो वहाँ से अधिक जानकारी भी ले सकते है
dhaniya me konsa khad accha hoga
धनिया मे सन्तुलित खाद लगाना चाहिए जैसे यूरिया. पोटाश. फास्फेट आदि खादो का उपयोग करना चाहिए | धनिया खेत मे नमी अनुसार पानी लगाये| पानी भरे न रहना चाहिए|
देवरिया जिला मे भी ईसी तरह खेती की जायेगी क्या
हाँ यह फसल वहाँ की जा सकती है|
Sir me summer time me iski kheti karna chahta hu to is time ke liye best verity kon si hogi please btaye mp Dewash ke liye
धनिया उगाने के लिए सबसे अच्छा समय इस बात पर निर्भर करता है की आप रहते कहाँ हैं । धनिया न तो बहुत अधिक ठण्ड सहन कर सकता है न ही बहुत अधिक गर्मी। धनिया प्लांटिंग शुरू करने के लिए सबसे अच्छा समय मार्च और मई के महीने के बीच, आखिरी वसंत ऋतु में होता है! धनिया शुष्क समय के दौरान बेहतर विकसित होता है।
Sir, m bharatpur Rajasthan se hoon. Kya is time dhaniye ki kheti ki ja sakti h..?, mitti bhurbhuri retili h..
धनिया की फसल के लिए 15 अक्टुंबर से 15 नवंबर तक बुवाई का उचित समय रहता है। बुवाई के समय अधिक तापमान रहने पर अंकुरण कम हो सकता है। अधिक उपज पाने के लिए 1 अक्टुंबर से 15 अक्टुंबर तक बीज बोना चाहिए। बुवाई का निर्णय तापमान देख कर लेना चाहिए
Sir Ji Good Morning.
mai Lucknow UP ka rahene wala hun hum agriculture se jure huye hai abhi hum ferbruary month me dhaniya boye to kaisa rahega
uske allawa achi fasal kaun kaun si hai jo market me achha paisa mile
please guide & help mee
कृपया अपना उत्तर यहां देखें
http://agriavenue.com/question-archive/
Mai Chhattisgarh se hu kya Mai kali mirch ki crop le sakta hu. Uchit marg Darshan DE Kaun sa samay upyukt Hai. Kali domat mitti Hai
काली मिर्च खेती के लिए उष्णकटिबंधीय मौसम चाहिए तथा काली मिर्च के पौधे अधिक ठंढ बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। जहाँ तापमान नीचे 12 डिग्री सेल्सियस चला जाता है वहाँ पर उचित विकास नहीं होगा । एक मध्यम सर्दियों जलवायु आवश्यक है।
काली मिर्च के पौधों के बारे में सालाना 2 000 मिमी बारिश की जरूरत है।
मिट्टी एक अच्छी संरचना और जल धारण क्षमता होनी चाहिए। ड्रेनेज रूट सड़ांध को रोकने के लिए अच्छा होना चाहिए।
पीएच 6,0 करने के लिए 5,5 होना चाहिए।
क्वाजुलू नटाल के लाल डालराइट मिट्टी और Soutpansberg के लाल andesite मिट्टी काली मिर्च के पौधों को उगाने के लिए सबसे अच्छी मिट्टी हैं।
rajsthan me kb lagaye
kya july me lga skte h
सधारण रूप से जुलाई माह मे नहीं हो सकती है
Rajsthan me धनिया की बुवाई कब करें
सितंबर मे लगा सकते है मौसम अनकूल होना चाहिए
धनिया की बोने से पहले उस खेत में और क्या उत्त्पन्न कर सकते है
हरी खाद हेतु ढेचा .सन आदि ले सकते है
प्रणाम जी
मैं हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला का निवासी हूँ मै जानना चाहता हूँ हमारे यहाँ धनिया कब लगानी चाहिऐ बिज खाद इत्यादि जानकारी पर बिगा जमीन के हिसाव से बताऐ
धन्यवाद
शुष्क व ठंडा मौसम अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिये अनुकूल होता है । बीजों के अंकुरण के लिय 25 से 26 से.ग्रे. तापमान अच्छा होता है । धनिया शीतोष्ण जलवायु की फसल होने के कारण फूल एवं दाना बनने की अवस्था पर पाला रहित मौसम की आवश्यकता होती है । धनिया को पाले से बहुत नुकसान होता है । धनिया बीज की उच्च गुणवत्ता एवं अधिक वाष्पशील तेल के लिये ठंडी जलवायु, अधिक समय के लिये तेज धूप, कीआवश्यकता होती है अतः धनिया बोने का सबसे उपयुक्त समय 10 अक्टूबर से 15 नवम्बर है
हेलो सर मैं ऊंचाहार रायबरेली उत्तर प्रदेश से हूं क्या मेरे यहां जुलाई-अगस्त सितंबर अक्टूबर माह में हरी पत्ती हेतु धनिया की बुवाई की जा सकती है यदि हां तो बुआई करने का सही तरीका बताने का कष्ट करें
राय बरेली ऊचाहार मे जुलाई मे धनिया नहीं हो पाएगा|
सर जी में रतलाम जिले के जावरा तहसील से हूं मैंने धनिया 20 अक्टूबर को पंक्ति मे लगाया है जिसकी दूरी पंक्ति की दूरी 5 इंच और पंक्ति में 1 इंच पर दो से तीन पौधे है क्या इसकी छनाई कि जानी चाहिए। और इसमें मुख्य रूप से सील नामक खरपतवार ज्यादा है इसके लिए कोई खरपतवार नाशक दवा का नाम बताने की कृपा करें
केवल निराई गुडाई से ही खरपतवारों का नियंत्रण करे उचित होगा|
धनिया दो भाग करके लगाये या अख्खा धनिया बोआये? सर जानकारी चाहीये
दो भाग कर के ही बुबाई करना उचित रहता है
अम्बेडकर नगर, उ.प्र. में हरी पत्ती के लिए, मई – जून के महीने में हायब्रिड धनिया की कौन सी प्रजाति उपयुक्त है?
अपने नजदीकी कृषि विभाग / कृषि विज्ञान केंद्र से जानकारी ले सकते है|
सर धनिए की गर्मी के मौसम में अच्छी पैदावार के लिए कौन सा बीज उपयुक्त है?
बाजार मे अच्छी कम्पनी के बीज उपलब्ध है
मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में अप्रैल – मई में धनिया की बुआई कर खेती का लाभ ले सकते हैं क्या??
ज्यादा गर्मी मे यह फसल सम्भव नहीं है |
ऐसी कौन सी खेती करना ज्यादा फायदेमंद है जिसमें कम मजदूर में काम हो जाये जी??
आप हल्दी .गन्ना आदि फसले उगा सकते है |
धनिया का अंकुरण कितने टेम्परेचर में होता है हरी धनिया के लिए कितने बीज की अवश्यकता होगी इलाहबाद उत्तर प्रदेश
बीजों के अंकुरण के लिए 25 से 26 सेंटीग्रेट तापमान अच्छा होता है| बीज की मात्रा 20से22 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर होती है अधिक जानकारी हेतु लेख पढे
क्या छत्तीसगढ़ में जनवरी महीने में देसी धनिया की खेती की जा सकती है