कोरोना संक्रमण : सफाई ही बचाव
आज कोरोना नाम का सर्प बुरी तरह से घात लगाए बैठा है जिससे पूरा विश्व जंग कर रहा है। हर देश की सरकार अपने अपने स्तर पर इससे उबरने हेतु प्रयास कर रही है। इस जंग में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है बचाव और इसके लिए हाईजेनिक सफाई होना बड़ी जरूरत है.
हाईजेनिक सफाई के लिए सैनिटाइजर का प्रयोग : चावल से बनेगा सैनिटाइजर
सफाई के लिए हम आजकल सैनिटाइजर का प्रयोग कर रहे है। समय की मांग को देखते हुए देश में अब सैनिटाइजर बनाने के लिए अतिरिक्त चावल का प्रयोग होगा।
केंद्र सरकार ने ये बड़ा फैसला, हैंड सैनिटाइजर की कमी को पूरा करने और पेट्रोल की कीमत को घटाने के लिए लिया है. इस फैसले के अनुसार अतिरिक्त चावल से एथनॉल बनाया जाएगा जो कि हैंड सैनिटाइजर बनाने एवं पेट्रोल में मिलाने में प्रयोग किया जाएगा.
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राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति २०१८, पैरा ५ .३:
सरंकारी सूचना के अनुसार राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति २०१८ के पैरा ५ .३ में यह उल्लिखित है कि यदि किसी वर्ष कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से तय किए गए लक्ष्य से अधिक खाद्यान की आपूर्ति होती है तो राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति से अनुमति लेकर खाद्यान्न की इस अतिरिक्त मात्रा को एथनॉल में बदलने की अनुमति दी जा सकती है.
कितना सही कितना गलत :
हालांकि, इस फैसले पर कई तरह कि टिप्पणियां भी हो रही हैं। इस बात की मांग की जा रही है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मुफ्त खाद्यान्न के वितरण का विस्तार किया जाए और जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं हैं उन्हें भी राशन दिया जाये.
अगर हम सकारात्मक सोच के साथ चलें तो ये आगे चलकर किसानों के हक़ में अच्छा भी हो सकता है उनके द्वारा उगाये इस अनाज का बहुत जगह प्रयोग होगा तो सम्भवतः चावल की बिक्री भी अच्छी होगी।