गेंहू की फसल में पोषण के लिए एवम सिंचाई के सही समय के लिए
फसल पोषण देशी खाद व जैव उर्वरक
1. खेत की तैयारी के समय अच्छी सडी हुई 6-8 टन गोबर की खाद या 1 टन वर्मीकम्पोस्ट प्रति एकड़ प्रयोग करें।
रसायनिक खाद
1. अच्छे विकास और अधिक उपज हेतु बुवाई के समय 40 kg यूरिया + 50 kg DAP + 30 kg MOP + 10 kg ज़िंक सल्फ़ेट / एकड़ प्रयोग करे।
2. बुवाई के 20-25 दिन बाद पर्याप्त नमी मे 40 kg यूरिया + 5 kg बेंटोनाइट सल्फर प्रति एकड़ प्रयोग करें।
घुलनशील उर्वरको का स्प्रे
1. अच्छी वानस्पतिक वृद्धी के लिए 1 kg एन.पी.के. (19: 19: 19) / एकड़ / 150 ली पानी मे बुवाई के 25-30 दिन बाद छिड़के।
2. अच्छी उपज व गुणवत्ता के लिए दाना भरते समय, 1 kg पानी मे घुलनशील उर्वरक एन.पी.के. (00: 52: 34) / एकड़ / 200 ली पानी मे मिलाकर छिड़के।
3. फसल के अच्छे विकास के लिये 1 kg पोटेशियम नाइट्रेट (13:00:45) / एकड़ / 200 लीटर पानी मे बुवाई के 60-70 दिन बाद छिड़कें।
पोषक तत्वो की कमी व उपचार
1. ज़िंक की कमी मे पत्ती के मध्य भूरे धब्बे बन जाते है, पूर्ति हेतु 100 gm ज़िंक 12% EDTA / एकड़ / 200 ली पानी, बुवाई के 30 दिन बाद छिड़के।
पौध वृद्धि वर्धक
1. अच्छे विकास व अधिक उपज हेतु 5 kg धनजाएम गोल्ड या 5 kg ट्राइकोंटानोल (विपुल) + 3 kg मोनोज़िंक 33% / एकड़ आधार खाद के साथ प्रयोग करें।
2. अच्छे विकास व उपज हेतु बुवाई के 40-45 दिन बाद, पर्याप्त नमी मे 5 kg रैलीगोल्ड या धनजायम गोल्ड / एकड़ प्रयोग करे।
3. अच्छे विकास व अधिक उपज हेतु 8 kg बायोविटा या 10 kg ट्राइकोंटानोल (विपुल) + 5 kg मोनोज़िंक 33% / एकड़ बुवाई के 30-35 दिन बाद प्रयोग करे।
सिंचाई
सिंचाई अनुतालिका
अच्छी उपज हेतू, क्रान्तिक अवस्थाओ पर सिंचाई अवश्य दे. ये अवस्थाये है पहली- बुवाई से 20 दिन बाद, दूसरी- 40 दिन बाद, तीसरी- 70 दिन बाद, चौथी- 90 दिन बाद व पांचवी- 110 दिन बाद.
सिंचाई की कुल आवश्यकता भूमि प्रकार, शीत ऋतु वर्षा तथा प्रत्येक सिंचाई पर दी जाने वाली पानी की मात्रा पर निर्भर करती है.
क्रांतिक अवस्था
1. शीर्ष जड़ निकलने की अवस्था- बुवाई से 20-25 दिन बाद
2. कल्ले निकलते समय- बुवाई से 40-45 दिन बाद
3. कल्ले निकलने की बाद की अवस्था- बुवाई से 70-75 दिन बाद
4. फूल आते समय- बुवाई से 90-95 दिन बाद
5. दुग्ध अवस्था- बुवाई से 110-115 दिन बाद ।।
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