खीरा के प्रकार
सामान्य : स्वर्ण शीतल, स्वर्ण अगेती, पूसा उदय, स्वर्ण पूर्णा, प्वाइनसेट, जापानी लांग ग्रीन, पंत खीरा-1
संकर : पंत संकर खीरा-1, पूसा संयोग, आलमगीर, टेस्टी, नूरी
बुवाई
तराई एवं भावर : लौकी के समान
पर्वतीय क्षेत्र 2000 मी. : लौकी के समान
बीज की मात्रा : 3 कि.ग्रा./हैक्टर
रोपाई
100*50 से.मी. कतार से कतार तथा पौधे से पौधे की दूरी रखनी चाहिए।
उर्वरक
खीरे की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए 80 कि.ग्रा. नाइट्रोजन, 60 कि.ग्रा. फास्फोरस एवं 60 कि.ग्रा. पोटाश का प्रयोग करें। इसके
साथ-साथ 10 टन/है. सड़ी गोबर की खाद का भी प्रयोग करना चाहिए।
सिंचाई, निराई-गुड़ाई, खरपतवार नियंत्रण : सिंचाई, निराई-गुड़ाई तथा खरपतवार नियंत्रण लौकी के समान करें।
कीट एवं व्याधि नियंत्रण
लौकी के अनुसार करें। उकठा रोग के नियंत्रण हेतु कार्बेन्डाजिम के 1.0 ग्रा. से प्रति किग्रा. बीज शोधित करके बोना चाहिए। फसल चक्र
अपनाना चाहिए।
उपज : 150 कु./है. पैदावार प्राप्त होती है।
खीरे अलवर क्षेत्र में कब बोये जाते है
ओर बाहर या पोलीहाउस में
खीरे की खेती हल्की अम्लीयभूमियों जिनका पी.एच. 6-7 के मध्य हो, में की जा सकती है। अच्छी उपज हेतु जीवांश पदार्थयुक्त दोमट भूमि सर्वोत्तम होती है। इसकी फसल जायद तथा वर्षा में ली जाती है। अत: उच्च तापक्रम में अच्छी वृद्धि होती है, यह पाले को नहीं सहन कर पाता, इसलिए इसको पाले से बचाकर रखना चाहिए।
बुवाई का समयसंपादित करें
ग्रीष्म के लिए: फरवरी-मार्च
वर्षा के लिए: जून-जुलाई
पर्वतीय के लिए : मार्च – अप्रैल
पाँली हाऊस मे खीरे की खेती की जा सकती है इसके लिए नजदीक के कृषि विश्व विधालय तथा कृषि विज्ञान केन्द्र से जानकारी करना आवश्यक होगा
sir khira kannauj uttar Pradesh me April me boya jaye to acchi paidabaar li ja Sakti hai sir hame bataye and kheth khula hai
हाँ खीरे की फसल की जा सकती है , इस बात का ध्यान रखना होगा कि यदि अधिक बरसात होने पर पानी खेत मे रूकने न पाय
सर रेतीली मिट्टी में खीरा की फसल ले सकते है , क्या हम 10 फरवरी को खीरा रोपड़ करके बांस से जाल बनाकर फसल ले सकते है इस विधि से फल , फूल को लू लगने से कोउ हानि तो नही पहुचेगी ।
कृपया अपना उत्तर यहां देखें
http://agriavenue.com/question-archive/
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