धान (Paddy)एक प्रमुख फसल है जिससे चावल निकाला जाता है। यह भारत सहित एशिया एवं विश्व के बहुत से देशों का मुख्य भोजन है। विश्व में धान (चावल) के
कुल उत्पादन का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा कम आय वाले देशों में छोटे स्तर के किसानों द्वारा उगाया जाता है
धान के अधिकतम उत्पादन हेतु ध्यान देने हेतु विशेष बिन्दु।
धान की उन्नत प्रजातियॉं –जो मुख्यतः भारत में उगाए जाते हैं
Varieties (किस्में) | Production पैदावार कुन्तल/हैक्टेयर | Characteristics (विशेषताऐं) |
पूसा 1121((Pusa 1121)) | 40 | Suitable for whole Basmati growing region of India. Plant height 11 |
पूसा 4 (Pusa-4) |
60 | High yielding variety suitable for Kerala, Karnataka and most popular in Delhi, Haryana and Punjab. Matures in 140-145 days (Seed to seed)with potential yield 60-70 q/ha. High yielding with strong stem, has tolerance to shattering, suitable for machine harvesting. |
पूसा सुगंध 5 (Pusa Sugandh-5) (Pusa 2511) |
65-70 | Extra-long grains with a strong aroma. Matures in 125-130 days (Seed to seed) with an average yield of 65-70 q/ha. suitable for cultivation in Punjab, Haryana, Delhi, Western Uttar Pradesh and J & K. This variety is suitable for irrigated transplanted condition under a rice-wheat croping system and has tolerance to shattering. It is resistant to gallumidge, brown spot and moderately resistant to leaf folder and blast |
पूसा सुगंध 3 (Pusa Sugandh-3) |
40-45 | A semi-dwarf, high yielding variety possessing extra-long slender grains with almost twice elongation on cooking, pleasant aroma and taste. Matures in 125 days (Seed to seed) with an average yield of 60 q/ha. Suitable for cultivation in Punjab, Haryana, Delhi, Western Uttar Pradesh and Uttaranchal under multiple cropping systems. |
पूसा सुगंध 2 (Pusa Sugandh-2) |
40-50 | A semi-dwarf, high yielding variety possessing typical basmati quality. Extra-long grains with a strong aroma and almost twice elongation on cooking. Soft texture, good mouth feel and appealing taste. Matures in 120 days (Seed to seed). suitable for cultivation in Punjab, Haryana, Delhi, Western Uttar Pradesh and Uttaranchal under multiple cropping system. |
यामिनी (C.S.R.-30) |
40-45 | यह बासमती धान की एक अच्छी किस्म है इसके चावल पतले, लम्बे, मुलायम एचं खुसबूदार होते हैं। इसका औसत कद 150/160 से.मी. होता है तथा पकने के लिए 155 दिन का समय लेती है। इसकी औसत उपज 13 कु/एकड है। यह प्रजाति क्षारिय मृदा में खेती के लिए अच्छी पाई गई है। |
पूसा बासमती 6 (pusa-1401) |
50-55 | यह उपज क्षमता, सस्य लक्षणों और पकने के गुणो में पूसा 1121 का एक उन्नत प्रारूप है। यह प्रजाति अगस्त 2008 में विमोचित की गई। पूसा बासमती 1121 की तुलना में इसकी ऊचाई कम होती है जिसके कारण यह गिरती नही है। इसके दाने समान आकर के होते हैं। यह अत्यंधिक सुगंधित ओर 4 प्रतिशत से कम दुधिया दाने वाली किस्म है इसकी कुल अवधि 150 दिन है तथा औसत उपज 20-25 कु./एकड है। |
उन्नत पूसा बासमती 1 (Unnatt Pusa Basmati-1)(Pusa-1460) |
45-50 | पूसा बासमती 1 को झुलसा रोग कं प्रती प्रतीरोधी बनाने के लिए इस प्रजाति का सुधार चिन्हक आधारित विधि से किया गया है। यह किस्म पककर तैयार होने में 145 दिन का समय लेती है। किसानो के यहां किए गए प्रदर्शन में उन्नत पूसा बासमती 1 की उपज 22-26 कु./एकड पाई गई है। |
पूसा बासमती 1 (Pusa Basmati-1) |
45 | A semi-dwarf, high yielding basmati rice variety suitable for cultivation in the Basmati growing areas of north western India. Excellent grain and cooking quality, Soft texture, pleasant aroma. Matures in 135 days (Seed to seed) with the potential yield of 60-70 q/ha and average yield 45 q/ha. Contributes about 50% of the total basmati export from India. Well suited for the rice-wheat croping system in North India. |
पूसा सुगंध 2 (Pusa Sugandh-2) |
45-50 | A semi-dwarf, high yielding variety possessing typical basmati quality. Extra-long grains with a strong aroma and almost twice elongation on cooking. Soft texture, good mouthfeel and appealing taste. Matures in 120 days (Seed to seed). suitable for cultivation in Punjab, Haryana, Delhi, Western Uttar Pradesh and Uttaranchal under multiple cropping system. |
पन्त धान 12 | 55-60 | यह किस्म 115 से 120 दिन में पक जाती है। यह किस्म बुन्देलखण्ड को छोडकर उत्तर प्रदेश सभी मैदानी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है |
पन्त धान 10 | 55-65 | यह किस्म 110 से 115 दिन में पक जाती है। यह किस्म बुन्देलखण्ड को छोडकर उत्तर प्रदेश सभी मैदानी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है |
जया | 50-60 | 130 से 140 दिन में पकने वाली धान की यह किस्म उत्तर प्रदेश हरियाणा कर्नाटक आंध्रप्रदेश व पंजाब के लिए बहुत अच्छी है |
धान में होने वाले हानिकारक कीटों का प्रबंधन।
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