चने की खेती : दलहनी फसलो मे चना का प्रमुख सथान है अधिक पैदावार करने हेतु निम्न बिन्दुओं पर विशेष् ध्यान देना चाहिए।
चने की खेती के लिए प्रमुख प्रजातियाँ
चने की देशी प्रजातियाँ सामान्य प्रजातियाँ जैसे अवरोधी, पूसा 256, राधे, के 850, जे. जी. 16 तथा के.जी.डी-1168 इत्यादि प्रमुख प्रजातियाँ है, इसकी वुवाई करनी चाहिए, दूसरा आता है, देर से वुवाई करने वाली प्रजातियाँ होती है, जैसे की पूसा 372, उदय तथा पन्त जी. 186, इसके बाद आता है, काबुली चना जिसकी किसान भाई बुवाई करते है, इसके लिए प्रमुख प्रजातियाँ है, जैसे की शुभ्रा, उज्जवल, ए.के. 94-134, जे.जी के- 1 तथा चमत्कार प्रजातियाँ उपयुक्त हैं।
बीज की बुवाई की प्रति हैक्टर कितनी मात्रा का प्रयोग
चने की खेती मे छोटे एवं मध्यम आकार के बीज की मात्रा प्रति हैक्टर 60: 80 किग्रा. एवं मोटे दाने वाले बीज 88 से 100 कि.ग्रा./हैक्टर रखना चाहिए।
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चने के बीज की बुवाई की समय एवं विधि
पर्वतीय क्षेत्र मे मध्य अक्टबूर से नवम्बर के प्रथम सप्ताह तथा तराई क्षेत्र मेनवम्बर का प्रथम पखवाडा़ बुवाई के लिए उत्तम रहता है। तराई क्षेत्र मे पछेती बुवाई र्दिसम्बर के प्रथम पखवाडे तक भी की जा सकती है। बुवाई 30 से 45 से.मी. की दुरी पर बनी पिंक्तयो मे करे। चने के बीज को पहले थायरम (2ग्रा.) एवं बिवस्टिन (1 ग्रा.)/कि.ग्रा. की दर से बीज को शाेधित करे तथा बाद मे राइजाेबयम एवं फास्फारेस जैव उर्वरको से उपचारित करना चाहिए।
चने की खेती के लिए उर्वरको का प्रयोग
मृदा परिक्षण परिणाम के अनुसार। अगर मृदा परीक्षण नही किया गया हो तो सामान्यतः 15-20 किलाग्रेम नत्रजन तथा 40-50 किलाग्रेम फास्फारेस प्रति हैक्टर का प्रयागे अिंतम जुताई के समय हल के कूडो में करे। फास्फारेस की पिर्त सिगंल सुपर फास्फटे द्वारा करे। इससे फसल के सल्फर की आवश्यकता भी पूरा हो जाती है। अथवा सामान्यतः एक हैक्टर फसल हेतु (12:32:16) मिश्रण का पय्रागे करे। फूल बनने से पहले 2 प्रितशत यिरया घोल का छिडक़ाव 10 दिन के अतंराल पर दो बार करन से अच्छी पैदावार मिलती है।
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चने की फसल में सिचाई का समय
यदि जाडो मे वर्षा न हो तो एक चने की सिचांई फूल आने से पहले तथा दसूरी फली बनते समय करना लाभप्रद हाते है। सिचांई हल्की होनी चाहिए।
चने की फसल मे खरपतवार का नियंत्रण
चने की फसल मे बुवाई से 25-30 एवं 45-50 दिनो बाद खुरपी द्वारा खरपतवारो को निकाल देना चाहिए। खरपतवारनाशी रसायन जैसे पडेमिथिलीन 30 ई.सीकी 100 लीटर मात्रा पानी मे घालेकर बुवाई के तुरन्त बाद प्रति हैक्टर छिडक़ाव से खरपतवारो का प्रयागे कम होता है।
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फसल सुरक्षा
चने की फसल में कीट के बचाव
चने की फसल मे मुख्य रुप से दो प्रकार के कीडे हानि पहुचाते है। कटुआ अथवा कर्तनकीट तथा फलीबेध्क। कटुआ की राकेथाम के लिये बीज को क्लारेपाइरीफास 8 मि.ली. अथवा मानेक्रेट्रेफेस 8 मि.ली./कि.ग्रा्र. बीज की दर से उपचारित करके बुवाई करे। फली बेध्क के नियत्रंण के लिए इन्डाक्साकार्व 158 ई.सी. 400-500 मि.ली./हैक्टर को 500-600 ली. पानी मे घोल बनाकर छिडक़ाव करे। जैविक खते मे इस कीट के नियत्रंण के लिए नीम सीड करनले एक्ट्रैक्ट 5 प्रतिशत, एन.पी.वी. 250 सडूतुल्याकं अथवा बी.टी. 1 कि.ग्रा./है. की दर से छिडक़ाव करे। पहला छिडक़ाव पौधां मे 50 प्रतिशत फूल आने की अवस्था मे दसूरा छिडक़ाव पहले के 15 दिन बाद तथा तीसरा आवश्यकतानुसार छिडक़ाव के 15 दिन पश्चात करे।
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चने के खेत में कौन कौन रोग लगने की सम्भावना होती है, और उसका नियंत्रण किस तरह से करें?
चने की खेती मे मुख्य रुप से उकठा, जड सडऩ एवं अगंमारी रागे का प्रकापे हाते है। उकठा एवं जड जडऩ रागे को नियिंत्रत करने के लिए बीजो को कार्बेन्डाजिम + थायरम (1 ग्रा. + 2 ग्रा. प्रति कि.ग्रा. बीज) नामक कवकनाशी से उपचारित करके ही बोये। अगंमारी रागे से बचाव के लिए उपराक्त तरीको को बीज उपचारित करे तथा रागे का लक्षण दिखाई देने पर कार्बेन्डाजिम का धाले 10 दिन के अन्तराल पर 3 बार छिडक़ाव करे। चने की खेत खरीफ मे धान उगाने के बाद करने से इन रागों का प्रकापे काफी कम हाते है। गर्मियो मे गहरी जुताई करना भी लाभप्रद साबित हुआ है। पतं जी-114 अवरोधी एवं उदय प्रजातियो मे उपराक्त रोगो का प्रकापे काफी कम हाते है।
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चने की उपज की प्रति हैक्टर कितनी मात्रा प्राप्त हो जाती है?
वैज्ञानिक विधि से चने की खेती करने पर 25-30 कुन्तल प्रति हैक्टर पैदावार ली जा सकती है।
Chane sukh rahe he to kya karna he
Dear Nihal Ji,
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Fungicide Ka Spray ( UPL – Saaf 45 Gm/Tanki)
Chane ko kitni bar pilana chaiye aur mp me is time par bawai kar sakte hai kya plz reply
यदि सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो तो नमी की कमी होने की स्थिति में एक या दो सिंचाई की जा सकती है। पहली सिंचाई 40 से 50 दिनों बाद तथा दूसरी सिंचाई फलियां आने पर की जानी चाहिये। सिचिंत क्षेत्रों में चने की खेती के लिए 3 से 4 सिंचाई पर्याप्त होती है। बुवाई से पहले पलेवा करके फसल की बुवाई करनी चाहिये। इसके पश्चात् फसल की गुड़ाई करने के पश्चात् बुवाई के 35-40 दिन बाद प्रथम 70-80 दिन बाद दूसरी एवं 105-110 दिनों बाद अन्तिम सिंचाई करनी चाहिये। यदि बुवाई के बाद दो ही सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो तो प्रथम बुवाई के 40-50 दिनों बाद तथा द्वितीय 80-85 दिनों बाद करनी चाहिये। यदि बुवाई के बाद एक ही सिंचाई करने योग्य पानी उपलब्ध हो तो बुवाई के 60-65 दिनों बाद सिंचाई करने को प्राथमिकता देनी चाहिये। ध्यान रहे खेत में अधिक समय तक पानी भरा नहीं रहना चाहिये इससे फसल के पौधों को नुकसान हो सकता है।
Also Dear Arun ji please go through
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Chana sukh rha hai koi davvai bataie
which types of harmons used in chick pea plant for induce flawring & produce better yield plze give me suggestion!!!
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अगर चने बढ़ते जा रहे हो और फल मतलब फार ना रहे हो तोह क्या करना चाहिए कृपया उचित जानकारी दे ।
Distt. SEHORE Prajati 9218 sowing date 18 October irrigation 2 times .For more production please suggest any tonic/fertilizer with dose & types etc. DAP already used. Thanks
सभी उपयुक्त खाद लगी है समयानुसार सही ग्रोथ हो जाएगी
कोनसी दवाई का उपयोग करे
Dear Chhagan Charan ji.,
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फसल सुरक्षा
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Chane ke kansua rog kw bare me bataye
यह रोग के बारे मे नाम से लक्षणों का पता नहीं चल पा रहा है यदि लक्षण अथवा पोधे की फोटो हो तो कुछ बताना उचित होगा
चने की अगेती बोनी करना चाहत हु उचित समय बतये
Rajeev जी नमस्कार!
चने की बोवाई तब करना उचित होता है जब मौसम ठंडा हो, तथा मुख्य पहचान जब मनुष्य के मुख से सुबह को भाप निकलने लगे तभी उचित समय है ,उस समय तापमान 15 डिग्री के आसपास होता है| बहुत अगेती खेती नहीं करना चाहिए
15Octubar -november
Dear sir kharpatbar nasi pendametlin 1 litter Kitni jagah me dalna h or eska / tanki dose btaya krpiya
पेन्डी मिथलीन दवा का उपयोग एक एकड मे एक से सवा लीटर होता है पानी की मात्रा मिट्टी के अनुसार हो सकती है आप अपने खेत की मिट्टी के अनुसार पानी का उपयोग कर सकते है इस दवा का उपयोग खेत मे एकसार होना चाहिए कहीं पर छुटना नहीं चाहिए |इसके उपयोग मे दवा हमेशा पीछे हटते कृम मे डालना चाहिए यानि आगे से पीछे की ओर हटना होगा ताकि आपके पैरों से मिट्टी पर स्प्रे दवा की लेयर न टूटने पाये अन्यथा दवाई का उचित लाभ नहीं मिल पायेगा
चने की खेती करना लाभदायक होता है
चने की खेती लाभकारी होती है | अधिक जानकारी हेतु अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केन्द्र से जानकारी ले सकते है |
चना पिला होता
ईसमे कोनसा रोग होता है
चने की फसल मे लगे रोग की फोटो भेजे तो दबा बताना उचित होगा| Email Id- [email protected]
Vidisha chane ki adiak padabar bale kisem kon se hay
चने की अधिक पैदावार की पृजाती लेख मे बताई गयी है
महोदय, मेरे खेत में मिट्टी के अन्दर बहुत से किड़े है जो फसल की जड़ को नुकसान पँहुचा रहे है उन्हे कैसे रोका जा सकता है कृपया बताये
मिट्टी के अंदर के कीडों के लिए गर्मी के समय खेत को खाली रखकर गहरी जुताई करे| तथा अपनी लगी फसल के बारे मे बताएँ तभी कुछ बताना उचित होगा|
Chane Ke kharpatwar nashak Dawa ka Jankari chahiye
buvai ke phle gobar khad
ka prayog kre ; jisse upaj achhi paida hoti h
Chana sukh raha hai please davai batao,,,,
चना किस राज्य मे लगा है चने मे पानी तो नहीं भरा है या बारिश ज्यादा तो नहीं हुई है कृपया चने के पौधे की फोटो भेजे तभी उचित परामर्श दिया जा सकता है
Maharashtra
सर इस वर्ष 2017 मे सामान्य से कम बरसात हुई है पानी की व्यवस्था नहीं है चने की बोवनी 20से 25 अक्तूबर 2017 तक करना चाहता हू कोनसी किस्म उपयुक्त रहेगी जो अधिक उपज दे और हाइड्रोजल क्या होता है क्या इसका उपयोग चने मे कर सकते हैं इससे क्या लाभ हे सर मार्गदर्शन दें धन्यवाद
चुकि किस क्षेत्र चना लगाना है स्पष्ट नहीं हैफिर भी हमारे लेख के अतिरिक्त चने की किस्में जेजी.315, जेजी.130, जेजी.218, जेजी.74, जेजी.16, जेजी.63, जेजी.412.
काबुली चना- काक-2,जे.जी.के .1
गुलाबी चना- जवाहर चना.5, जवाहर गुलाबी चना.1- बी.जी. 1053 भी है तथा राज्य बिशेष के लिए और प्रजातियाँ भी हो सकती है कृपया अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केन्द्र से
सम्पर्क कर सकते है शब्द बिशेष से कुछ स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कृपया अग्रेंजी मे लिखे तो उचित होगा
CHANE ME PILAPAN ROG KESE ROKE BEEJ UPCHAR KE LIYE DWA BTAO
चना किस राज्य मे लगा है चने मे पानी तो नहीं भरा है या बारिश ज्यादा तो नहीं हुई है कृपया चने के पौधे की फोटो भेजे तभी उचित परामर्श दिया जा सकता है
rajasthan me h barish jyada nhi hoti h mungfli ki jamin me jyada pile hote h birani me nhi please ho ske to btana
शरदकालीन गन्ने के साथ चने की बुआई करने की विधि
शरदकालीन गन्ना के साथ चना या मसूर की सह फसली खेती हेतु गन्ने की दो पंक्तियों के मध्य (90 सेमी.) चना या मसूर की 2 कतारें 30 सेमी. की दूरी पर बोना चाहिए।
November me chane ki kheti kab tak ki ja sakti he
पूरे नबम्बर माह बुबाई की जा सकती है
Sir katuwa rog chana me abhi kon sa spray kare
चने की फसल में उकठा रोग के बचाव के लिए मेंको जेब 2.5 मिली प्रति लीटर में मिलाकर स्पेयर मशीन से छिड़काव करें तो इस रोग से फसल बचाई जा सकती है। पौधे तथा पत्तियों के लक्षण कृपया अवश्य वताए ताकि सटीक उपचार बताया जा सके |
ठंडी व चिपचिपी मिट्टी (भारी जमीन) होने के कारण काबुली चना पीला पड़ रहा है और कुछ जगह सुख रहा है…कृपया बताएं क्या करें?
#(जमीन में पहली बार चने की बुआई हो रही है!)
चने की फसल हेतु सही मिट्टी बाले खेत का चुनाव करना चाहिए था अब कुछ नहीं किया जा सकता क्योंकि चने के लिए पानी की आवश्यकता कम होती है
Sar mai gonda up se hun mai bhi cane ki kheti karna cahta hun kripaya uchit salah den ki burai k samay kaun kaun se urvarak ka upyog karna cahiye aur kitna beej bona cahiye prati hekteyar
चने मे
कीट की लट्टे हरे रंग की सवा इन्च लम्बी होती है, जो बाद में गहरे भूरे रंग की हो जाती है। ये आरम्भ में चने की पत्तियों को खाती है। फली लगने पर उनमें छेद करके अन्दर का दाना खाकर खोखला कर देती है।
– फसल में फूल आने से पहले तथा फली लगने के बाद मैलाथियॉन 5 प्रतिशत या मिथाइल पैराथियॉन 2 प्रतिशत या कार्बेरिल 5 प्रतिशत चूर्ण का 20-25 किलो प्रति हैक्टेयर की दर से बुरकें। जब फसल पर 90 प्रतिशत फूल आ जावे तो आवश्यकतानुसार एक और भुरकाव करें।
– पानी की सुविधा वाले स्थानों में फूल आने के समय मैलाथियॉन 50 ई.सी. या क्यूनालफॉस 25 ई.सी. एक लीटर या मोनोक्रोटोफॉस 36 एस.एल.सी. 750 से 800 मिली लीटर या क्लोरोपायरिफॉस 20 ई.सी. का प्रति हैक्टेयर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। अथवा
– एन.पी.वी. 250 एल.ई. 125 मिली लीटर को 500 लीटर पानी में घोलकर छिड़कें। आवश्यकतानुसार दूसरा छिड़काव 10 दिन बाद करें। छिड़काव शाम के समय करें ताकि दवा का असर अधिक रहे। अथवा
– एसीफेट 75 एस.पी. का 800 ग्राम प्रति हैक्टेयर की दर से बुवाई के 20-25 एवं 40-45 दिन बाद छिड़काव करें।
Sir chane ki patti yello yello ho rahi h air jad bhi Kali Nai h samadhan bhataye aur chane ki growth ke liya koi upay bataye
यदि चने की फसल नीचे यानि जडों की तरफ से पीले हो रहा है तो पौधों को उखाड़ कर देखे जड मे कीडों का प्रकोप तो नहीं यदि है तो बताएं यदि जडो मे सडने की तरह बदबू आ रही है तो बताए तभी आगे दवाई के बारे तथा आगे क्या करे बताया जा सके|
सर जी मेरा चना जम के चार अंगुल का हो गया है उसमे घास बहुत सारी उगी है किस दवा का प्रयोग करू उचित राय दे
उचित होगा चने के खेत मे से खरपतवारो को निराईगुड़ाई करके निकाल दे इस अवस्था मे किसी दवा का उपयोग फसल के लिए अच्छा नहीं होगा
सर जी आप ने मेरे द्वारा पूछी गई एक भी जानकारी का जवाब नही दिया क्या कारण है
तिवारी जी नमस्कार,
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मेरे पास हलकी जमींन ह उसमे पलेवा के 2-3 पानी लगते ह कृपा मुझे बताये कब कब पानी दू
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Mere chane ki hight bhi kam h
सर जी मैने थोण सा चना बिना कोई खाद डाले ही कर दी थी जिस कारण उसका विकास अचछी तरह नही हो रहा है कोई उपाय बताऐ
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मैने जे जी 322 चना बोया है।यह चना कैसा है।
जे जी322 चना के
पौधे मध्यम लम्बे, आवरण चिकना, बादामी हिस्सा निकला हुआ, उकठा रोग प्रतिरोधी, पूरे मध्य प्रदेश हेतु सिचित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त, है साथ ही पैदावार भी अच्छी मिलती है
चने के पौधे पीले पड़ रहे हैं कौई उपचार बताएं
यदि चने के खेत मे पानी ज्यादा भर गया होगा या चने मे उखठा रोग लगा होगा तब भी चना पीला पडेगा यदि ऐसा है तो अपने खेत घूम कर देखे कि पूरा खेत पीला हो रहा है या कहीं पर और जो पौधे पीले हुए है उनको उखाड कर देखे यदि तना मिट्टी की सतह से पतला है तो उखटा रोग हो सकता है तो कृपया पूरी जानकारी भेजे तभी कुछ बता पाना उचित होगा
Chane me bohni ke kitne din baat sichai kare or kitni baaar uchit rehta he sichai krna g g
यदि जाडों मे बरसात न हुई हो तो चने मे फूल आने से पहले हल्की सिचाई करना उचित होगा यदि आवश्यक हो तो फल बन जाने बाद भी हल्की सिचाई की जा सकती है
Sir mene chane me do bar sinchai kar chuka hu par mistake se jyada pani bhar jane se chane ka vikas nahi ho raha chane ka stem red ho rahe hai or plant bahut chhote hai kya kare sir plz bataiye
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Sar ji mera chane ki patti sookh rahe hai kya karen keet lagen hain chane men chote chote fool bhi dikhai de rahen hai
चने मे फूल आने के समय मैलाथियॉन 50 ई.सी. या क्यूनालफॉस 25 ई.सी. एक लीटर या मोनोक्रोटोफॉस 36 एस.एल.सी. 750 से 800 मिली लीटर या क्लोरोपायरिफॉस 20 ई.सी. का प्रति हैक्टेयर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। चने लगने वाले कीटों की रोकथाम हो जाएगी
Sir ji Mere Chennai me pilapan hai hai Aur paudhe bhi sookh rahe hain kya karun
यह लक्षण चने मे उखटा रोग के है अथवा खेत मे पानी ज्यादा लगाने पर भी ऐसा होता है कृपया अवगत कराएं ताकि सटीक जानकारी दी जा सके
चने मे ज्यादा पानी भी नही भरा गया है फिर भी पूरा का पूरा पेड सूख रहा है क्या करे पहले पौधे मे पीला पन आता है फिर सूख जाता है और उसमे जो फूल आ रहे है वो भी सूख जा रहे है क्या करे उचित राय दे
चने मे ज्यादा पानी भी नही भरा गया है फिर भी पूरा का पूरा पेड सूख रहा है क्या करे पहले पौधे मे पीला पन आता है फिर सूख जाता है और उसमे जो फूल आ रहे है वो भी सूख जा रहे है क्या करे उचित राय दे
आप किस राज्य से है स्पष्ट नहीं है चने मे पानी की आवश्यकता नहीं के बराबर होती है यदि जमीन दुमट है तो पानी न लगाना चाहिए वरना कितना भी कम पानी लगाना चाहोगे तो भी पानी भर जाएगा और चना सूख जाएगा इसमे कोई उपचार सम्भव नहीं है
Chane ki ageti kheti kis mah me karen uttar pradesh dist gonda me
चने की अगेती खेती के लिए अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह मे बुबाई कर सकते है मौसम की जानकारी लेने के बाद|
Chana phasal me phool kab aate hain kitne din me aate hain
बुआई के 40 से 60 दिनों बाद पौधों में फूल आने लगते है मौसम तथा प्रजाति मे के कारण बदलाव भी हो सकता है