खीरा वर्गीय सब्जियों के लिए किस प्रकार की मृदा सर्वोत्म रहेगी। अधिक उपज हेतु बुवाई की विधि कैसे की जायें ?
कद्दूवर्गीय सब्जियों के लिए बलुई दोमट या दोमट भूमि जिसमें जल निकास का उत्तम प्रबन्ध हो उपयुक्त मानी जाती है। इसकी खेती नदियों के किनारे (दियरा भूमि) भी की जाती है। 6 से 7 पी.एच. वाली भूमि इन सब्जियों के लिए अच्छी मानी जाती है वशर्ते कि अन्य सभी कारक संतोषजनक हो। खेत की कम से कम 3-4 जुताई करके नाली व थालें बनाना चाहिए जिसमें की नमी पर्याप्त मात्रा में हो। अपने देश में, इन सब्जियों की खेती कई तरीकों से की जाती है लेकिन नाली तथा थाला (चेनल तथा हिल) विधि खेती करने की वैज्ञानिक तथा लाभदायक विधि है। खेत की तैयारी के बाद 45 सेमी0 चैड़ी तथा 25-30 सेमी. गहरी नालियाँ कद्दूवर्गीय सब्जी विशेषकी आवश्यकतानुसार फासले पर बना ली जाती है। अगर सम्भव हो तो इन नालियों को पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर बनाना चाहिए तथा बीजों की बुवाई नालियों के उत्तरी किनारे के ढलान पर करनी चाहिए। ऐसा करने से बीजों का जमाव शीघ्र होता है। नत्रजन की 1/3 भाग, फाॅस्फोरस तथा पोटाश उर्वरकों की पूरी मात्रा, खेत में नाली बनाते समय, बुवाई करने वाले किनारे की मिट्टी में मिला देनी चाहिए।