मल्चिंग(Plastic Mulching) क्या है? मल्चिंग विधि |

मल्चिंग(Plastic Mulching) -खेत में लगे पोधो की जमीन को चारो तरफ से प्लास्टिक फिल्म के द्वरा सही तरीके से ढकने की प्रणाली को पलास्टिक मल्चिंग कहते है। यह फिल्म कई प्रकार और कई रंग में आती है। इस तकनीक का क्या फ़ायदा होता है।

मल्चिंग

मल्चिंग [image source-aliexpress.com]

इस तकनीक से खेत में पानी की नमी को बनाये रखने और वाष्पीकरण रोका जाता है। ये तकनीक खेत में मिटटी के कटाव को भी रोकती है। और खेत में खतपतवार को होने से बचाया जाता है। बागवानी में होने वाले खतपतवार नियन्त्रण एवं पोधो को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने में बहुत सहायक होती है।क्यों की इसमे भूमि के कठोर होने से बचाया जा सकता हे और पोधो की जड़ो का विकास अच्छा होता है।

 

सब्जियों की फसल में इसका प्रयोग एसे करे।
जिस खेत में सब्जी वाली फसल लगानी हें उसे पहले अच्छे से जुताई कर ले फिर उसमे गोबर की खाद और मिटटी परिक्षण करवा के उचित मात्रा में खाद दे। फिर खेत में उठी हुई क्यारी बना ले। फिर उनके उपर ड्रिप सिचाई की पाइप लाइन को बिछा ले।फिर 25 से 30 माइक्रोन पलास्टिक मल्च फिल्म जो की सब्जियों के लिए बहतर रहती हें उसे उचित तरीके से बिछा दे फिर फिल्म के दोनों किनारों को मिटटी की परत से दबा दिया जाता हे। इसे आप टेक्टर चालित यंत्र से भी दबा सकते हें। फिर उस फिल्म पर गोलाई में पाइप से पोधो से पोधो की दुरी तय कर के छिद्र कर ले। किये हुए छेदों में बीज या नर्सरी में त्यार पोधो का रोपण कर ले।

फल वाली फसल में इसका प्रयोग।
फलदार पोधो के लिए इसका उपयोग जहा तक उस पोधे की छाव रहती है। वहा तक करना उचित रहता है।इसके लिये फिल्म मल्च की लम्बाई और चोडाई को बराबर कर के कटिंग करे।उसके बाद पोधो के निचे उग रही घास और खतपतवार को अच्छी तरह से उखाड़ के सफाई कर ले उसके बाद सिचाई की नली को सही से सेट करने के बाद 100 माइक्रोन की पलास्टिक की फिल्म मल्च जो की फलवाले पोधो के लिए उपयुक्त रहती है। उसे हाथो से पोधे के तने के आसपास अच्छे से लगनी है। फिर उसके चारो कोनो को 6 से 8 इंच तक मिटटी की परत से ढकना है।

मल्चिंग करते समय सावधानिया।
मल्चिंग करते समय निम्न सावधानिया आवश्यक रूप से रखनी चाहिए।

● पलास्टिक फिल्म हमेशा सुबह या शाम के समय लगानी चाहिए।
● फिल्म में ज्यदा तनाव नही रखना  चाहिए।
● फिल्म में जो भी सल हो उसे निकलने के बाद ही मिटटी चढ़ावे।
● फिल्म में छेद करते वक्त सावधानी से करे सिचाई नली का ध्यान रख के।
● छेद एक जेसे करे और फिल्म न फटे एस बात का ध्यान रखे।
●मिटटी चढाने में दोनों साइड एक जेसी रखे
●फिल्म की घड़ी हमेशा गोलाई में करे
●फिल्म को फटने से बचाए ताकि उसका उपयोग दूसरी बार भी कर पाए और उपयोग होने के बाद उसे चाव में सुरक्षित रखे।

मल्चिंग की लागत कितनी आती है।

मल्चिंग की लागत कम ज्यदा हो सकती हे क्यों की इसका कारण खेत में क्यारी के बनाने के ऊपर होता हे क्यों की अलग अलग फसल के हिसाब से क्यारिया सकड़ी और चोडी होती हे और पलास्टिक फिल्म का बाज़ार में मुल्य भी कम ज्यदा होता रहता है।
प्रति बीघा लगभग 8000रूपये की लागत हो सकती है और मिटटी चढाने में यदि यंत्रो का प्रयोग करे तो वो खर्चा भी होता है।

मल्चिग में शासन का अनुदान

क्रषि को उन्नत करने और इसे बढावा देने लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा उधानिकी विभाग में इसके लिये समस्त किसानो को 50%या अधिकतम 16000रूपये प्रति हेक्टर के हिसाब से अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना का लाभ पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर दिया जाता है।
*इसके अनुदान पाने के लिए आपको अपने जिले के विकासखंड में विरिष्ट  उधान विकास अधिकारी को अपने आवेदन जमा करवा सकते हें।* और जानकरी आप अपने ग्राम सेवक से भी ले सकते है।

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